
दुर्ग। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन में तथा डॉ. प्रज्ञा पचौरी, प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में जिला न्यायालय एवं तहसील व्यवहार न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके तहत जिला न्यायालय दुर्ग, कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-3, व्यवहार न्यायालय पाटन एवं व्यवहार न्यायालय धमधा तथा किशोर न्याय बोर्ड दुर्ग, श्रम न्यायालय दुर्ग, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) दुर्ग राजस्व न्यायालय दुर्ग एवं उपभोक्ता फोरम दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ माँ सरस्वती के तैलचित्र पर डॉ. प्रज्ञा पचौरी प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर प्रातः 10.30 बजे किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग श्री आशीष डहरिया, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अलावा जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के सचिव श्री रविशंकर सिंह एवं अन्य पदाधिकारीगण, न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण तथा विभिन्न बैंक के प्रबंधक उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में कुल 32 खण्डपीठ का गठन किया गया। परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खण्डपीठ, जिला न्यायालय दुर्ग हेतु 23, तहसील व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 में 01 खण्डपीठ, तहसील व्यवहार न्यायालय पाटन हेतु 02 खण्डपीठ, तहसील व्यवहार न्यायालय धमधा में 01 खण्डपीठ, किशोर न्याय बोर्ड हेतु 01 तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) दुर्ग के लिए 01 खण्डपीठ का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त राजस्व न्यायालय में भी प्रकरण का निराकरण हेतु खण्डपीठ का गठन किया गया था।
उक्त नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य दाण्डिक सिविल, परिवार, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण रखे गये तथा उनका निराकरण आपसी सुलह, समझौते के आधार पर किया गया। इसके अलावा बैंकिंग/वित्तीय संस्था, विद्युत एवं दूरसंचार से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणों (विवाद पूर्व प्रकरण) का निराकरण भी किया गया। लोक अदालत में दोनों पक्षकारों के आपसी राजीनामा से प्रकरण का शीघ्र निराकरण होता है, इसमें न तो किसी की हार होती है न ही किसी की जीत होती है। आज आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर दुर्ग में आने वाले पक्षकारों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु एक दिवसीय निशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया गया जिसमे उक्त विभाग/कार्यालय की ओर से डॉ. मोनिका मरकाम चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य सहायक कर्मचारियों द्वारा सेवाएँ प्रदान की गयी। उक्त आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर में कोर्ट भ्रमण के दौरान पक्षकारों व बैंक प्रबंधकों से रू-ब-रू होते हुए माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश डॉ. प्रज्ञा पचौरी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश द्वारा स्वास्थ्य की जाँच परीक्षण कराया गया। इसके अलावा स्वास्थ्य जाँच शिविर में अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण एवं बड़ी संख्या में आमजनों के द्वारा अपने स्वास्थ्य की जांच/परीक्षण कराया गया और बहुतायत संख्या में लोग लाभांवित हुए है।
वर्ष 2025 के प्रथम नेशनल लोक अदालत में कुल 19020 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 440956 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए जिनमें कुल समझौता राशि 351774267 रूपये रहा। इनमें बैंक के प्रीलिटिगेशन के कुल 45, विद्युत के कुल 746 मामले निराकृत हुए जिनमें कुल समझौता राशि लगभग 208440486 रूपए रही है। इसी क्रम में लंबित निराकृत हुए प्रकरण में 580 दाण्डिक प्रकरण, क्लेम के 64 प्रकरण, पारिवारिक मामले के 117 चेक अनादरण के 515 मामले, व्यवहार वाद के 65 मामले श्रम न्यायालय के कुल 28 मामलें तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) दुर्ग के कुल 6001 मामले निराकृत हुए।