Home देश-दुनिया मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़े भारत और यूरोपीय संघ, अधिकारियों ने की चर्चा

मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़े भारत और यूरोपीय संघ, अधिकारियों ने की चर्चा

यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 137 बिलियन अमेरिकी डॉलर

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नईदिल्ली(ए)। भारत और यूरोपीय संघ ने मुक्त व्यापार समझौता लागू करने की दिशा में आगे कदम बढ़ा दिया है। यह समझौता इस साल के अंत तक लागू हो सकता है। शनिवार को भारत और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते के प्रयासों पर चर्चा की।  वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूरोपीय संघ के व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस सेफकोविक के अलावा दोनों पक्षों के अधिकारियों ने मुंबई में बात की।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक्स पर लिखा कि हमारी चर्चा संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में प्रयासों को तेज करने पर केंद्रित थी। हम आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और समृद्ध भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। दोनों पक्ष मुक्त व्यापार समझौते, निवेश संरक्षण समझौते और भौगोलिक संकेत (जीआई) पर भी समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

यूरोपीय संघ की प्रमुख ने पीएम मोदी से की थी चर्चा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति व्यक्त की थी। दोनों पक्षों के बीच 10-14 मार्च तक ब्रुसेल्स में एफटीए के लिए दसवें दौर की वार्ता आयोजित होने वाली है। ट्रंप की टैरिफ धमकी को देखते हुए भारत और यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। मौजूदा अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थिति में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। 2024-25 में इसके 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।

2013 में रुक गई थी वार्ता
मुक्त व्यापार समझौते को लेकर मतभेदों के कारण 2013 में  वार्ता रुक गई थी। जून 2022 में भारत और 27 देशों के यूरोपीय संघ के बीच आठ साल बाद बातचीत फिर से शुरू हुई। यूरोपीय संघ ऑटोमोबाइल में महत्वपूर्ण शुल्क कटौती की मांग के साथ वाइन, स्पिरिट्स में कर कटौती की मांग कर रहा है। अगर समझौता हो जाता है तो यूरोपीय संघ को भारतीय वस्तुओं का निर्यात जैसे सिले-सिलाए वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, इस्पात, पेट्रोलियम उत्पाद और विद्युत मशीनरी मिलने लगेंगे।  जबकि भारत आईटी क्षेत्र के लिए डाटा सुरक्षा दर्जा भी चाहता है।

यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 137 बिलियन अमेरिकी डॉलर
वित्तीय वर्ष 2023-24 में यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 137.41 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, इसमें यूरोपीय संघ को निर्यात 75.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर और यूरोपीय संघ से आयात 61.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। इस तरह से यह ब्लॉक नई दिल्ली का वस्तुओं के मामले में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

2023 में सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 53 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का भारतीय निर्यात और 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात शामिल है, जो सेवाओं में अब तक का सबसे अधिक व्यापार है। भारत में यूरोपीय संघ का निवेश 117 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है तथा लगभग 6,000 यूरोपीय कंपनियां भारत में मौजूद हैं। यूरोपीय संघ में भारत का निवेश लगभग 40 अरब डॉलर का है।

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