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इस दौरान एक समर्पित ‘इंडिया पैवेलियन’ 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी डोमेन में भारत की उल्लेखनीय पहलों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। इस पैवेलियन में प्रमुख मंत्रालयों और राष्ट्रीय मिशनों की प्रदर्शनियां होंगी, जो सतत विकास के लिए भारत के समग्र सरकारी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। यह मंत्रियों और राजदूतों की राउंड टेबल डायलॉग, मेयर्स डायलॉग, पॉलिसी डायलॉग और CITIIS 2.0 कार्यक्रम के तहत समझौतों पर हस्ताक्षर जैसे सत्रों के साथ इंटरैक्टिव नॉलेज शेयरिंग के केंद्र के रूप में भी काम करेगा।
मनोहर लाल ने बताया कि 12वां फोरम एशिया-प्रशांत देशों में संसाधन-कुशल, सर्कुलर अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को सक्षम करने के लिए जयपुर में हुई घोषणा को अपनाने के साथ खत्म होगा और इसे अगले मेजबान देश को सौंप दिया जाएगा। जयपुर घोषणा (2025-34) हनोई घोषणा (2013-23) पर आधारित है और इसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों को 3आर और सर्कुलर अर्थव्यवस्था नीतियों और कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है।
12वें क्षेत्रीय फोरम का नेतृत्व आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी द्वारा जापान के पर्यावरण मंत्रालय, यूएन ईएससीएपी, यूएनसीआरडी, यूएनडीएसडीजी और यूएनडीईएसए के सहयोग से राजस्थान सरकार के समर्थन से किया जा रहा है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित इस फोरम का उद्देश्य आने वाले वर्षों में 3आर और सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर नीतियों और कार्यों को आकार देने में सदस्य देशों का मार्गदर्शन करना है। 38 आमंत्रित सदस्य देशों, भारत सरकार के 15-लाइन मंत्रालयों, लगभग सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, 60 से अधिक शहरों, 40 से अधिक स्टार्ट-अप व बिजनेस और 3 दिनों में लगभग 120 वक्ताओं की भागीदारी के साथ, यह फोरम नीति चर्चा, सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। इन साझेदारियों को बढ़ावा देकर, यह एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति की दिशा में प्रगति को गति देगा।