नई दिल्ली(ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के भारत मंडपम में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कारीगरों से भी बातचीत की। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “2014 से ही मैं लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूं। गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा, “पहले की सरकारों ने एससी-एसटी-ओबीसी की आवश्यकताओं की ओर ध्यान नहीं दिया। गांव से पलायन होता रहा, गरीबी बढ़ती रही, गांव और शहर के बीच की खाई बढ़ती रही। जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है। जो इलाके दशकों से विकास से वंचित थे, अब उन्हें बराबरी का हक मिल रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरा बचपन एक छोटे से शहर में बीता, जिससे मुझे ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव मिला। साथ ही इससे मुझे गांवों में छिपी अपार संभावनाओं को समझने में भी मदद मिली। अपनी कड़ी मेहनत के बावजूद, ग्रामीण अक्सर सीमित संसाधनों के कारण अवसरों तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते हैं।”