Home देश-दुनिया सिगरेट, तंबाकू और कपड़ों पर हो सकता है GST बढ़ाने का फैसला, जानें 21 दिसंबर के बैठक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

सिगरेट, तंबाकू और कपड़ों पर हो सकता है GST बढ़ाने का फैसला, जानें 21 दिसंबर के बैठक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

by admin

नईदिल्ली(ए)। भारत में आगामी 21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें कई अहम फैसलों पर विचार किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा सिगरेट, तंबाकू और कोल्ड ड्रिंक जैसे उत्पादों पर जीएसटी की दरों में वृद्धि हो सकता है। इसके अलावा, कपड़ों पर जीएसटी दरों में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाते हैं तो इन उत्पादों के दामों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। आइए जानते हैं कि इस फैसले के बारे में विस्तार से क्या जानकारी सामने आ रही है।

सिगरेट और तंबाकू पर जीएसटी दर में वृद्धि
जीएसटी काउंसिल की बैठक में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर को 28% से बढ़ाकर 35% करने की सिफारिश की गई है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य तंबाकू और सिगरेट जैसे उत्पादों की खपत को कम करना है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। सरकार इन उत्पादों की खपत को घटाकर लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, बढ़ी हुई जीएसटी दरों से सरकार को राजस्व में भी वृद्धि की उम्मीद है। अगर यह सिफारिश स्वीकार हो जाती है, तो इन उत्पादों के दामों में काफी बढ़ोतरी हो सकती है, जो सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए आर्थिक रूप से मुश्किल साबित हो सकती है।

कोल्ड ड्रिंक पर भी हो सकता है असर
कोल्ड ड्रिंक पर जीएसटी दर में वृद्धि का भी प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि, इसके बारे में अधिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन इस बैठक में इस पर भी विचार किया जा सकता है। यदि जीएसटी दर बढ़ाई जाती है, तो यह उत्पादों की कीमतों को प्रभावित कर सकता है, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है।

कपड़ों पर जीएसटी दरों में बदलाव की सिफारिश
इसके अलावा, मंत्रियों के समूह ने कपड़ों पर जीएसटी दरों में बदलाव की सिफारिश की है। इस सिफारिश के मुताबिक, 1500 रुपये तक के कपड़ों पर 5% जीएसटी, 1500 रुपये से लेकर 10000 रुपये तक के कपड़ों पर 18% जीएसटी और 10000 रुपये से महंगे कपड़ों पर 28% जीएसटी लगाया जा सकता है। यह कदम एक तरफ तो कपड़ों के दाम बढ़ा सकता है, वहीं दूसरी तरफ सरकार का उद्देश्य भी राजस्व में वृद्धि करना है।

क्यों बढ़ रही है जीएसटी दर?
जीएसटी दर में बढ़ोतरी के पीछे दो मुख्य कारण हो सकते हैं:

1. स्वास्थ्य सुरक्षा: सिगरेट और तंबाकू जैसे उत्पादों से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम को कम करना सरकार की प्राथमिकता में है। इन उत्पादों की खपत पर अंकुश लगाने के लिए इनके दाम बढ़ाए जा सकते हैं। तंबाकू और सिगरेट से होने वाली बीमारियों के कारण देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी खर्चा हो रहा है, जिसे कम करने के लिए सरकार इस कदम पर विचार कर रही है।

2. राजस्व में वृद्धि: जीएसटी दरों में बढ़ोतरी से सरकार को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो सकती है, जिसे वह अन्य विकास कार्यों या स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश कर सकती है।

क्या होगा आगे?
यह सब कुछ 21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक पर निर्भर करेगा। इस बैठक में देशभर के वित्त मंत्रियों और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति होगी, जो इन प्रस्तावों पर विचार करेंगे। यदि काउंसिल इन सिफारिशों को मंजूरी देती है, तो अगले साल से इन उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसके बाद, सरकार औपचारिक घोषणा कर सकती है और संबंधित अधिकारियों को नए जीएसटी दरों को लागू करने का निर्देश दे सकती है।

शेयर बाजार पर असर
जैसे ही सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाने की खबरें सामने आईं, शेयर बाजार में इसका असर दिखने लगा। सिगरेट बनाने वाली प्रमुख कंपनी आईटीसी (ITC) के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा, गॉडफ्रे फिलिप्स, वेदांत फैशंस और वीएसटी इंडस्ट्रीज जैसे अन्य कंपनियों के शेयरों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई। शेयर बाजार में यह हलचल इस बात का संकेत हो सकती है कि निवेशक इन उत्पादों पर जीएसटी वृद्धि के संभावित प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।

जेब पर बढ़ सकता है बोझ
अगर यह सिफारिशें लागू हो जाती हैं, तो उपभोक्ताओं को इन उत्पादों के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। खासकर सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए यह फैसला महंगा साबित हो सकता है। इसके अलावा, कपड़े खरीदने वालों को भी अपने बजट में बदलाव करने की आवश्यकता पड़ सकती है, क्योंकि 10000 रुपये से ऊपर के कपड़ों पर 28% जीएसटी लागू होने से उनकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे, जिनका असर आम नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ सकता है। खासकर सिगरेट, तंबाकू और कपड़ों पर जीएसटी दरों में वृद्धि से उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सुरक्षा और राजस्व वृद्धि दोनों को ध्यान में रखते हुए इन बदलावों की सिफारिश कर रही है। अब यह देखना होगा कि काउंसिल इन प्रस्तावों को स्वीकार करती है या नहीं।

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