नई दिल्ली(ए)। दिवाली के बाद अब बैंड-बाजा, बारात का सीजन आने को हैं। दीपोत्सव के बाद अब कारोबारियों की निगाहें शादियों की सीजन पर टिकी हुई हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में करीब 48 लाख शादियां होंगी। इसके चलते देश में 6 लाख करोड़ रुपए का व्यापार होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इस साल शादी के लिए 18 शुभ मुहूर्त हैं।
यह हैं शादियों के मुहूर्त
इस साल 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28 और 29 नवंबर को 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15 और 16 दिसंबर को शादियों के शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद एक महीने तक शादियों के सीजन में विराम होगा। इसके बाद 2025 में मध्य जनवरी से विवाह समारोह फिर से शुरू होंगे। ये मार्च तक जारी रहेंगे।
स्थानीय उत्पादों पर विशेष जोर
कैट के मुताबिक देशभर के 75 शहरों में व्यापारियों से चर्चा के बाद पता चला है कि इस बार उपभोक्ता के खरीदारी व्यवहार में बड़ा परिवर्तन आया है। अब वह विदेशी सामान के मुकाबले भारतीय उत्पादों को खरीदने में ज़्यादा तरजीह दे रहा है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकलÓ और ‘आत्मनिर्भर भारतÓ की सफलता के रूप में देखा जा सकता है।
किस पर कितना खर्च होगा
वस्त्र, साडिय़ां, लहंगे और अन्य परिधान पर 10 फीसदी, आभूषण 15 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 5 फीसदी, सूखे मेवे, मिठाइयां और स्नैक्स पर 5 फीसदी, किराना और सब्जियां 5 फीसदी, उपहार आइटम्स 4 फीसदी तथा अन्य वस्तुओं पर 6 फीसदी का अमूमन खर्च होता है। इसके अतिरिक्त बैंक्वेट हॉल, होटल और शादी के स्थल पर 5 फीसदी, इवेंट मैनेजमेंट 3 फीसदी, टेंट सजावट 10 फीसदी, केटरिंग एवं सेवाए 10 फीसदी, फूल सजावट 4 फीसदी, परिवहन और कैब 3 फीसदी, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफ्री पर 2 फीसदी, ऑर्केस्ट्रा, संगीत आदि 3 फीसदी, लाइट और साउंड 3 फीसदी तथा अन्य सेवाओं पर 7 फीसदी खर्च किया जाता है।
हर शादी पर इतने खर्च
संख्या प्रति शादी खर्च
10 लाख 3 लाख रुपए
10 लाख 6 लाख रुपए
10 लाख 10 लाख रुपए
10 लाख 15 लाख रुपए
7 लाख 25 लाख रुपए
50,000 1 करोड़ या अधिक खर्च