Home देश-दुनिया शादी करने के वादे से मुकर जाना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं, केरल HC का बड़ा फैसला

शादी करने के वादे से मुकर जाना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं, केरल HC का बड़ा फैसला

by admin

नई दिल्ली(ए)। केरल उच्च न्यायालय ने माना है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के अर्थ में बिना किसी और चीज के शादी करने के वादे से मुकर जाना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं माना जाएगा। न्यायालय ने आरोपी द्वारा दायर डिस्चार्ज आवेदन को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया।

न्यूज 18 की खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति सीएस सुधा की एकल पीठ ने एक रिश्ते के टूटने के बाद आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने से संबंधित मामले की सुनवाई की थी। यह मामला मृतक महिला अंजू की बहन ने दायर किया था, जिसने कथित तौर पर सरकारी नौकरी मिलने के बाद आरोपी/याचिकाकर्ता बिजू कुमार के साथ अपने रिश्ते खराब होने के बाद आत्महत्या कर ली थी और कथित तौर पर मृतक महिला के परिवार से 101 सोने के सिक्के दहेज में मांगे थे।

मांग पूरी न कर पाने के कारण अंजू के परिवार को कुमार के साथ तनाव का सामना करना पड़ा, जिसने कथित तौर पर अंजू से दूरी बनानी शुरू कर दी। जब उसकी शादी किसी दूसरी महिला से तय हो गई, तो अंजू परेशान हो गई और बाद में 3 अक्टूबर 2013 को उसने आत्महत्या कर ली। उसकी मौत के बाद मृतक के परिवार ने बीजू पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया।

अप्राकृतिक मौत के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 174 के तहत एक प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की गई थी। हालांकि, बाद में जांच ने कुमार को धारा 306 आईपीसी के तहत फंसाया, जिसमें अंजू की डायरी के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया, जिसमें कुमार के कारण विश्वासघात, क्रोध और दिल टूटने की भावनाएं व्यक्त की गई थीं।

Share with your Friends

Related Posts