नई दिल्ली(ए)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को रक्षा उद्योग के हितधारकों और नवोन्मेषकों से नए विचार लेकर आने और उन्हें उत्पादों में तब्दील करने का आह्वान किया, ताकि सशस्त्र बलों को लगे कि इन उपकरणों के बिना वे अधूरे हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह का मानना है कि नवाचार और आत्मनिर्भरता का विचार फूल रहा है और सरकार के प्रयासों से युवाओं में यह चेतना जागृत हुई है। यहां भारत मंडपम में आयोजित सेमिनार के दौरान उन्होंने अभिनव प्रौद्योगिकियों के विकास में आईडेक्स (एडीआईटीआई 3.0) चुनौती के तीसरे संस्करण और डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (डीआईएससी 13) के 13वें संस्करण का अनावरण किया। इन चुनौतियों का उद्देश्य स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों और परिचालन दक्षताओं को आगे बढ़ाना है।
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को दी बधाई
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों की तरफ से दी गई चुनौतियों के लिए उनके अभिनव समाधानों के लिए विजेताओं को बधाई दी और उनके कारनामों को ‘असाधारण’ बताया। उन्होंने कहा, अब आपको ऐसे विचार लाने होंगे जो हमारी जरूरत बन जाएं। सेनाओं को यह महसूस होना चाहिए कि आपके इस उपकरण के बिना वे अधूरे थे, जिसे आप लेकर आएंगे। उन्होंने सरकार की तरफ से किए जा रहे आत्मनिर्भरता प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में लाए गए बदलावों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत में एक अभिनव संस्कृति का निर्माण किया है।
हम तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं- राजनाथ
उन्होंने कहा, एक समय था जब हम हथियारों और उपकरणों के लिए आयात पर इतने निर्भर हो गए थे कि अभिनव विचार कभी जन्म नहीं ले पाते थे। अगर विचार होते भी थे, तो उन्हें क्रियान्वित करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा, यह हमारे प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों में स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है। आज हमारे पास एक ठोस पारिस्थितिकी तंत्र भी है और हम तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने की भारतीय नौसेना के प्रयासों की प्रशंसा
रक्षा मंत्री ने भारतीय नौसेना को एक अभिनव नौसेना बताया और आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में इसके प्रयासों की प्रशंसा की। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करते हुए राजनाथ सिंह ने सभी हितधारकों को साथ लेकर प्रगति की राह पर आगे बढ़ने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। हमारा सार्वजनिक क्षेत्र पहले से ही रक्षा क्षेत्र में शामिल था। लेकिन, जब हम सत्ता में आए, तो हमने महसूस किया कि एक पंख से पक्षी नहीं उड़ सकता है और दूसरे पंख को भी मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हम रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने विजेताओं को किया सम्मानित
रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने हाल ही में अपनी क्षमता बढ़ाकर ‘महारत्न’ का दर्जा हासिल किया है। मैं अपने डीपीएसयू के प्रदर्शन से काफी संतुष्ट हूं। मैं अपने डीपीएसयू और निजी क्षेत्र से ‘निरंतर नवाचार’ के बल पर लगातार नई ऊंचाइयों को हासिल करने की अपील करता हूं। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने आईडीईएक्स विजेताओं और हैकाथॉन पुरस्कार विजेताओं को भी सम्मानित किया। ‘स्वावलंबन’ के पिछले दो संस्करणों में, भारतीय नौसेना को स्प्रिंट चुनौतियों के तहत भारतीय उद्योगों से 2,000 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनका अनावरण जुलाई 2022 में स्वावलंबन 1.0 के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से किया गया था।
इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह, रक्षा सचिव मनोनीत आर के सिंह; रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव, डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जे पी मैथ्यू, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी, विभिन्न उद्योग जगत के नेता और शिक्षाविद भी उपस्थित थे।