जम्मू-कश्मीर(ए)। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रों में 9 दिन माता के अलग-अलग रूपों की पूजा करके विशेष फल प्राप्ति की जा सकती है। इसी के साथ ही पहले नवरात्रि पर कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है। मां वैष्णो देवी मंदिर के पुजारी जी द्वारा कलश स्थापना की विधि के बारे में जानकारी दी गई है।
बता दें 3 अक्तूबर को पहला नवरात्रि होगा, जबकि 12 अक्तूबर को नवमी होगी। नवरात्रि के पहले दिन विधि विधान के साथ कलश स्थापना की जाएगी। वैष्णो देवी मंदिर के पुजारी जी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है। पुजारी जी ने बताया कि इस विधि से कलश स्थापना करके माता रानी की अपार कृपा पाई जा सकती है।
1 मिट्टी या पीतल का कलश लें
2 ईषाण कोण में कलश स्थापित करें।
3 भूमि पर चावल रखें, उसके ऊपर जल से भरा हुआ कलश रखें और फिर कलश में गंगाजल भी डाल लें।
4 कलश में चंदन व ध्रुवा डालें।
5 कलश में पंचपल्व या आम के पत्ते डालें।
6 कलश में तुलसी की मिट्टी डालें।
7 कलश में सुपारी, पंचरत्न व द्रव्य डालें।
8 लाल वस्त्र व मौली उसके गले में बांधे।
9 एक कटोरी उसमें चावल डाल कर उसके ऊपर रखें
10 इसके बाद हरा नारियल कलश के ऊपर स्थापित करें।
11 ध्यान रखें नारियल का मुख अपनी तरफ हो।
12 इसके बाद मां की ज्योति प्रज्वलित करें और 9 दिन व्रत का संकल्प लें।