मुंबई(ए)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महिलाओं के खिलाफ अपराध को ‘‘अक्षम्य पाप” करार दिया और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। मोदी की यह कड़ी टिप्पणी कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या तथा मुंबई के पास बदलापुर में दो स्कूली बच्चियों के यौन शोषण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बाद आई है। उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा देश की प्राथमिकता है। मैंने लाल किले से बार-बार इस मुद्दे को उठाया है। देश का कोई भी राज्य हो, मैं अपनी बहनों और बेटियों का दर्द और गुस्सा समझता हूं।”
मोदी ने कहा कि वह हर राजनीतिक दल और राज्य सरकार से कहेंगे कि महिलाओं के खिलाफ अपराध एक अक्षम्य पाप है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के मददगारों को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। चाहे अस्पताल हो, स्कूल हो, सरकार हो या पुलिस थाना हो, जिस भी स्तर पर लापरवाही हुई हो, सभी को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।”
मोदी ने कहा, ‘‘संदेश ऊपर से नीचे तक जाना चाहिए। यह पाप अक्षम्य है। सरकारें आएंगी और जाएंगी, लेकिन समाज और सरकार दोनों के तौर पर महिलाओं के जीवन व सम्मान की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के लिए जो काम किया है, उतना आजादी के बाद से किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया।
मोदी ने कहा कि राज्य की स्थिरता एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के वर्षों तक बरकरार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विकसित भारत का चमकता सितारा है। राज्य का भविष्य अधिक निवेश और रोजगार वृद्धि पर निर्भर करता है।” मोदी ने नेपाल बस दुर्घटना पर अपनी पीड़ा व्यक्त की, जिसमें जलगांव जिले के 14 लोग मारे गए थे।
मोदी ने कहा, ‘‘हमने अपनी मंत्री रक्षा खडसे को नेपाल भेजा था।” प्रधानमंत्री ने पोलैंड की अपनी हालिया यात्रा और वहां के लोगों के मन में महाराष्ट्र के लोगों के प्रति सम्मान का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के शरणार्थियों को कोल्हापुर में रखा गया था, जिसके चलते पोलैंड के लोग महाराष्ट्र के लोगों के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं।