जबलपुर(ए)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित पुनर्वास केंद्र में रखे गए हाथी के स्वास्थ्य की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश वन विभाग को दिए हैं। जबलपुर हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव वन विभाग, मुख्य वन संरक्षक भोपाल, डिवीजनल फारेस्ट छतरपुर तथा मथुरा के डिवीजनल फॉरेस्ट अफसर को जवाब पेश करने के निर्देश भी दिए हैं।
हाईकोर्ट में 2 सप्ताह बाद होगी सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता छतरपुर निवासी महावत जगदीश दास गिरी और रूप सिंह परिहार की ओर से कहा गया है कि राजस्थान के वन विभाग ने याचिकाकर्ताओं के स्वामित्व से हाथी को जब्त किया था।
इस जब्त हाथी को मथुरा स्थित एक एनजीओ के संरक्षण में पुनर्वास केंद्र में रख दिया था। याचिकाकर्ताओं ने वन विभाग के अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर हाथी वापस करवाने की मांग की थी, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने यह कहते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया था कि आवेदकों ने अनुमति प्रक्रिया को अपनाए बिना हाथी को रखा है। लिहाजा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रारंभिक स्तर पर अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। इसके साथ ही हाथी के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है।