नईदिल्ली (ए)। बांग्लादेश संकट पर भारत की नीति फिलहाल देखो और इंतजार करो की है। बाहरी हस्तक्षेप की स्थिति से निपटने के लिए भी भारत तैयार है। सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न दलों के नेताओं को बांग्लादेश की स्थिति और भारत की रणनीति की विस्तार से जानकारी दी। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने हसीना सरकार के पतन में विदेशी साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया। करीब 45 मिनट चली इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष राहुल ने सर्वाधिक सवाल किए। उन्होंने विदेशी हस्तक्षेप के संदर्भ में भारत की तैयारी, विदेशी साजिश व शेख हसीना की भावी योजना संबंधी प्रश्न पूछे। उन्होंने आंदोलन में पाकिस्तान व चीन की भूमिका की भी जानकारी चाही। जयशंकर ने नेताओं को बताया कि आंदोलन के दूसरे पड़ाव में अचानक अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले तेज हुए हैं। उनकी संपत्ति और जानमाल निशाने पर हैं। इस संदर्भ में भारत लगातार ढाका के संपर्क में है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के संदर्भ में लगातार आगाह किया जा रहा है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, द्रमुक के टीआर बालू, जदयू के ललन सिंह, सपा के राम गोपाल यादव, तृणमूल के सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रायन, राजद की मीसा भारती, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, बीजद सांसद सस्मित पात्रा, राकांपा की सुप्रिया सुले, टीडीपी के राममोहन नायडू ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
अभी रणनीति का खुलासा नहीं
सूत्रों के मुताबिक जयशंकर ने इस दौरान कहा कि फिलहाल भारत की रणनीति प्रतीक्षा और निगरानी करने की है। बाहरी हस्तक्षेप की स्थिति में भी रणनीति तैयार है। सेना को अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि विदेश मंत्री ने बाहरी हस्तक्षेप से निपटने की रणनीति का खुलासा करने से इनकार कर दिया।