Home देश-दुनिया ‘राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने SC-ST के लोग’, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का राहुल गांधी पर पलटवार

‘राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने SC-ST के लोग’, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का राहुल गांधी पर पलटवार

by admin

नई दिल्ली (ए)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पर लंबी चर्चा के बाद जवाब देते हुए राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आज मंगलवार को लोकसभा में अपने भाषण में कहा कि बजट तैयार करने वाले अधिकारियों और हलवा सेरेमनी में शामिल लोगों की जाति (एससी, एसटी और ओबीसी) के बारे में पूछना समाज को कई वर्गों में बांटने की साजिश है। साथ ही वित्त मंत्री ने सवाल किया कि राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट में कितने एससी-एसटी के लोग रखे गए हैं।

हलवा सेरेमनी पर राहुल के हमले पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “ये कब से फोटो इवेंट बन गया? साल 2013-14 में भी बजट से पहले हलवा बांटा गया था। क्या तब किसी ने उनसे पूछा कि उस समय इसमें कितने एससी और एसटी के लोग थे?” उन्होंने आगे कहा, “यह सेरेमनी तब से चली आ रही है जब मिंटो रोड पर बजट के पेपर छपा करते थे। तब 9 दिन और 8 रातों तक बजट बनाने में शामिल लोगों को बेसमेंट में रखा जाता था। बजट तैयार शुरू होने से पहले हलवा उन्हीं कर्मचारी द्वारा तैयार किया जाता था। यह भारतीय परंपरा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि हलवा समारोह बजट की तैयारी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और इसकी आलोचना इससे जुड़े कर्मचारियों का ‘अपमान करना’ है। सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हलवा समारोह उस समय से चल रहा है जब से वित्त मंत्रालय का प्रीटिंग प्रेस मिंटो रोड में हुआ करता था। हमारे देश में कोई भी अच्छा काम करने से पहले मुंह मीठा करने की परंपरा है। इसकी आलोचना करना बजट की तैयारियों से जुड़े कमर्मचारियों का मजाक उड़ाना और उनका अपमान करना है।”

राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया था कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक एवं एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) हैं और उनमें एक भी दलित एवं आदिवासी नहीं है। इसके साथ ही राहुल ने बजट से पहले की हलवा रस्म का जिक्र करते हुए कहा था, ‘‘इस सरकार में दो-तीन प्रतिशत लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग हलवा खा रहे हैं तथा शेष हिंदुस्तान को यह नहीं मिल रहा है।”

सीतारमण ने इस आरोप के जवाब में कहा, ‘‘हलवा समारोह के बाद इससे जुड़े कर्मचारी बजट जारी नहीं होने तक बाहर नहीं आते हैं। पहले उन्हें नौ दिन और आठ रात अलग-थलग गुजारनी पड़ती थीं, लेकिन अब उन्हें पांच रात और चार दिन सबसे दूर रहना होता है। वे बजट के बाद ही बाहर आ पाते हैं। बजट की गोपनीयता के लिए ऐसा करना जरूरी होता है।” उन्होंने इस बजट की तैयारियों से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘उप-प्रबंधक कुलदीप शर्मा पिता के निधन के बावजूद बजट तैयारियों में शामिल हुए और बाहर नहीं निकले।

इसी तरह सुभाष अपने बेटे का निधन होने के बाद भी बाहर नहीं आये। राहुल गांधी का बयान ऐसे कर्मचारियों का अपमान है।” हलवा समारोह को बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का आखिरी चरण माना जाता है। यह केंद्र सरकार के बजट की तैयारी में शामिल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘अलग रखने’ की प्रक्रिया है। इस तरह वे कुछ दिनों के लिए बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग हो जाते हैं। ये अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय का दफ्तर) के ‘बेसमेंट’ में ही रहते हैं। वहां पर पूरी गोपनीयता रखी जाती है। वित्त मंत्री के लोकसभा में अपना बजट भाषण पूरा करने के बाद ही वे बाहर निकलते हैं।

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