अयोध्या (ए)। अयोध्या में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का हब बनाने की तैयारी है। यहां एनएसजी की टुकड़ी स्थायी रूप से तैनात की जाएगी। इसी क्रम में 17 जुलाई को एनएसजी की एक टुकड़ी अयोध्या पहुंच रही है। वह चार दिनों तक अयोध्या में रहकर राम जन्मभूमि व आस-पास की सुरक्षा परखेगी। यह टीम अयोध्या में 20 जुलाई तक रहेगी।
अयोध्या में राममंदिर का निर्माण होने के बाद से आतंकी खतरे की आशंका बढ़ी है। इस प्रकार के खतरों से निपटने की योजना पर केंद्र सरकार काम कर रही है। दरअसल, 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। हर रोज एक लाख से अधिक श्रद्धालु यहां दर्शन कर रहे हैं। ऐसे में यहां की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से अयोध्या में एनएसजी का हब बनाने की योजना तैयार की गई है। सूत्रों के अनुसार, एनएसजी हब में ब्लैक कैट कमांडो की तैनाती की जाएगी।
इसी क्रम में एनएसजी की टीम 17 अप्रैल को अयोध्या पहुंच रही है। वह पूरे राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा की समीक्षा करेगी। यदि आतंकी हमले होते हैं तो उससे कैसे निपटा जा सकता है, इसको लेकर अधिकारियों के साथ टीम मंथन करेगी। अयोध्या के आस-पास की सुरक्षा की भी समीक्षा की जाएगी। अभी रामनगरी में रामनवमी, सावन, कार्तिक परिक्रमा मेले में एटीएस की तैनाती की जाती है। राममंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब एसएसएफ संभाल रही है। इसके अलावा सीआरपीएफ व पीएसी को भी लगाया गया है। एसएसएफ के जवानों को एनएसजी की ओर से ही ट्रेनिंग दी गई है। स्पेशल फोर्स के 200 कमांडो अयोध्या में अभी सुरक्षा दे रहे हैं।
पांच जुलाई 2005 को हुआ था आतंकी हमला
राम मंदिर को हमेशा से ही खतरा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भी आतंकी खतरे का अलर्ट आया था। इससे पहले पांच जुलाई 2005 को रामलला जब टेंट में विराजमान थे तब आतंकियों ने हमला भी किया गया। सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के वजह से हमले में शामिल सभी पांच आतंकवादी मार गिराये गए थे। इसके बाद राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई। अब मंदिर बनने के बाद सुरक्षा को लगातार हाईटेक किया जा रहा है।