नई दिल्ली (ए)। आमतौर पर विशेषज्ञ टैक्स बचत के लिए निवेश की सलाह देते हैं, लेकिन इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत कई ऐसे तरीके भी हैं, जिनसे आप बिना निवेश किए टैक्स बचा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही प्रभावी तरीके:
1. एजुकेशनल लोन इंटरेस्ट
सेक्शन 80E के तहत, एजुकेशन लोन के ब्याज पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। यह कटौती लोन की पुनर्भुगतान शुरू होने वाले साल से लेकर आठ सालों तक की जा सकती है और इसमें कोई सीमा नहीं है।
2. बच्चों की ट्यूशन फीस
यदि आप अपने बच्चों के लिए ट्यूशन फीस का भुगतान करते हैं, तो सेक्शन 80C के तहत प्रति वर्ष 1,50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। यह लाभ अधिकतम दो बच्चों की फुल टाइम शिक्षा पर लागू होता है और इसमें प्ले-स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाएं शामिल हैं।
3. चैरिटेबल दान पर छूट
सेक्शन 80G के तहत चैरिटेबल संस्थाओं को दिए गए दान पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। कटौती की राशि 50% से 100% तक हो सकती है, जो संस्था और दान की राशि पर निर्भर करती है। इसके लिए दानकर्ता को आईटीआर फाइलिंग के दौरान संस्था का नाम, पैन, पता और दान की राशि प्रदान करनी होती है।
4. मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम
सेक्शन 80D के तहत, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसमें स्वयं, पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए प्रीमियम शामिल हैं। सामान्य व्यक्ति के लिए 25,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये तक की छूट का दावा किया जा सकता है।
5. होम लोन इंटरेस्ट रेट पर छूट
धारा 24(b) के तहत, स्व-कब्जे वाली संपत्तियों के लिए होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर प्रति वर्ष 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके अलावा, मूलधन के पुनर्भुगतान पर धारा 80C के तहत भी कटौती का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन यह लाभ केवल पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत उपलब्ध है।
6. भुगतान किया गया किराया
किराए के आवास में रहने वाले व्यक्ति धारा 10 के तहत भुगतान किए गए किराए पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। कटौती की राशि व्यक्ति के वेतन और निवास के शहर पर निर्भर करती है। इन तरीकों को अपनाकर आप बिना निवेश किए भी अपने टैक्स में महत्वपूर्ण कटौती कर सकते हैं।