Home देश-दुनिया मणिपुर हिंसा पर अमित शाह की हाईलेवल मीटिंग, जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन

मणिपुर हिंसा पर अमित शाह की हाईलेवल मीटिंग, जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन

by admin

नईदिल्ली (ए)।  मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA के दोबारा सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार की यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है।

कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए

बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने बताया कि मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समग्र समीक्षा की और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मणिपुर में हिंसा की कोई और घटना न हो। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए केंद्रीय बलों को रणनीतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल

इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख (पदनाम) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, थ्री कोर के जीओसी एचएस साही, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और असम राइफल्स के डीजी प्रदीप चंद्रन नायर शामिल हुए।

पिछले साल 3 मई से हो रही हिंसा

पिछले साल 3 मई से मणिपुर में दो समुदायों कुकी और मैतेई के बीच संघर्ष चल रहा है, जिसमें अब तक कम से कम 225 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 50,000 लोग बेघर हो गए हैं। बेघर लोग अभी भी राहत केंद्रों में शरण लेने पर मजबूर हो रहे है।

पूर्वोत्तर राज्यों में अब भी नहीं थम रही हिंसा

पूर्वोत्तर राज्य में पिछले कुछ हफ्तों के बीच कई ताजा हिंसा देखने को मिली है। पिछले सप्ताह सशस्त्र उग्रवादियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा दल के काफिले पर कांगपोकपी जिले में घात लगाकर हमला किया था, जिसमें एक नागरिक चालक और एक सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए थे।

शाह ने किया था मणिपुर का दौरा

इससे पहले, शाह ने पिछले महीने मणिपुर का दौरा किया था और शांति स्थापित करने के लिए मेतेई और कुकी दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ नौ शांति बैठकें की थीं, हालांकि हिंसा में कोई कमी नहीं आई है।

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