रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में आज से लगभग एक साल पूर्व दो समुदायों के बीच हुई हिंसा झड़प में भुवनेश्वर साहू की हत्या के बाद आगजनी और बिरनपुर गांव के ही दो और लोगों की हत्या के मामले की जांच सीबीआई करेगी. भारत सरकार के कार्मिक और शिकायत मंत्रालय ने आज इस मामले की सीबीआई जांच को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित यह दूसरा मामला है, जिसकी जांच सीबीआई करेगी. सीबीआई को इससे पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा 2021 की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितता और दर्ज अपराध की जांच पड़ताल का जिम्मा सौंपा जा चुका है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह मामला काफी गरमाया हुआ था. भारतीय जनता पार्टी और विभिन्न हिन्दू संगठनों ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया था. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की केबिनेट ने बिरनपुर हत्याकांड की गंभीरता और जनभावना को देखते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया था. छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के बाद केन्द्र सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सुपुर्द कर दिया है. यहां यह उल्लेखनीय है कि बिरनपुर में दो समुदायों के बीच हुई झड़प में विधायक ईश्वर साहू के पुत्र भुवनेश्वर साहू की हत्या हुई थी. विधायक ईश्वर साहू ने 21 फरवरी 2024 को विधानसभा सदन में भी इस मामले को उठाते हुए इसकी सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की थी.
गौरतलब है कि 08 अप्रैल 2023 को बिरनपुर गांव में दो बच्चों के बीच हुए विवाद देखते ही देखते दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प में तब्दील हो गई और इसमें गांव के युवक भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान किया, जिससे यह मामला और गरमा गया. बिरनपुर गांव में आगजनी की भी घटना हुई. इस घटना के ठीक तीन दिन बाद 11 अप्रैल को बिरनपुर गांव के ही दो और लोगों के शव बिरनपुर खार में मिले. उसी समय बिरनपुर हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग उठी थी. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए पुलिस से जांच का आश्वासन दिया था.