बुलंदशहर। अडौली नहर के पास चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतारे गए फूफा और भतीजे की हत्या जादुई सिक्के के लिए की गई थी। नौकर समेत दोनों हत्यारोपित जादुई सिक्का पाकर मालामाल होना चाहते थे। हत्या के बाद भतीजे की स्कूटी, मोबाइल और आलाकत्ल नहर में फेंककर दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन जांच के बाद पुलिस ने धर दबोचा। एआरटीओ कार्यालय के पास ट्रांसपोर्ट सलाहकार फीस जमा करने का काम करने वाले ब्रह्मपुरी निवासी राजीव गर्ग उर्फ पिंटू और गांधी पार्क निवासी उनके फूफा कपड़ा व्यापारी सुधीर गर्ग 31 मार्च की दोपहर को लापता हुए थे। एक अप्रैल की शाम को दोनों के शव कोतवाली देहात क्षेत्र में अडौली नहर के पास पड़े मिले थे। घटना के बाद पुलिस ने 200 से अधिक सीसीटीवी की फुटेज खंगाली।
पुलिस ने राजीव गर्ग के नौकर ऋषभ को आधार मानकर जांच तेज की गई। नौकर ऋषभ के राजीव गर्ग पर 60 हजार रुपये उधारी के थे। साथ ही तीन महीने की सैलरी भी शेष थी। उधारी और सैलरी मांगने पर राजीव गर्ग ने एक दिन ऋषभ की कार्यालय पर ही पिटाई कर दी।
इससे वह बहुत क्षुब्ध हो गया था और अंदर ही अंदर खुन्नस रखने लगे। साथ ही राजीव के फूफा सुधीर गर्ग के पास एक जादुई सिक्का होने की जानकारी भी नौकर ऋषभ को थी। इसलिए ऋषभ ने अपने दोस्त तुन के साथ मिलकर पहले राजीव की चाकू से गोदकर हत्या की और फिर सुधीर को भी नहर पर ले जाकर मार डाला।
दोनों हत्यारोपित सुधीर गर्ग के शरीर पर चाकू से वार करते रहे और जादुई सिक्का मांगते रहे। हत्यारोपित नौकर ने बताया कि उसे लगता था कि जादुई सिक्का मिलने के बाद उन्हें कुछ करने की जरुरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि सिक्का बेचकर वह लगभग एक हजार करोड़ रुपये कमा लेंगे। सिक्के को नेपाल या अन्य देश में बेच सकते हैं।
पुलिस और स्वजन को गुमराह करने लिए ही ऋषभ ने चाय विक्रेता के फोन से सुधीर गर्ग को फोन किया था। एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने चार अप्रैल को दोनों हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपितों की निशानदेही चाकू, स्कूटी और खून में सने कपड़े बरामद कर लिए हैं। दोनों का चालान कर दिया है।
मालखाने में रखवा दिया गया सिक्का
सिक्का कोतवाली देहात के मालखाने में रखवा दिया है। सिक्के को लेकर दोनों हत्यारोपित अंधविश्वास में थे, कि सिक्का मौसम बदल सकता है। बला टाल सकता है और धातु परिवर्तित कर सकता है। दोनों ने सिक्के के साथ सुधीर गोयल के पास कोई यंत्र होने की बात भी सुनी थी। हत्यारोपितों को लगा कि लोहे को सोना बनाकर मालामाल हो जाएंगे, फिर कमाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हत्या के लिए नौकर ऋषभ और उसके दोस्त तनु ने शहर के कबाड़ी बाजार से 120 रुपये का चाकू खरीदा था। अब दोनों जेल पहुंच गए हैं।