नईदिल्ली (ए)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) पर तंज कसते हुए इसकी तुलना पुराने क्लब से की है, जहां सदस्य देश नए सदस्यों को शामिल करने को तैयार नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी पकड़ कमजोर हो जाएगी। यह बात विदेश मंत्री ने बेंगलुरु में रोटरी इंस्टीट्यूट 2023 कार्यक्रम में कही है।
जयशंकर ने कहा- सुरक्षा परिषद एक पुराने क्लब की तरह है, जहां कुछ ऐसे सदस्य हैं जो अपनी पकड़ छोड़ना नहीं चाहते। वे क्लब पर नियंत्रण बनाए रखना चाहते हैं। वे अधिक सदस्यों को शामिल करने के लिए उत्सुक नहीं हैं, न ही उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के इच्छुक हैं। बिना किसी सुधार के कारण संयुक्त राष्ट्र का प्रभाव धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। एक तरह से यह मानवीय विफलता है लेकिन मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि दुनिया के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र कम प्रभावी होता जा रहा है।
जयशंकर ने आगे कहा- यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि दुनिया के सामने मौजूद प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र कम प्रभावी होता जा रहा है और मैं आपको वैश्विक भावना भी बता सकता हूं। मेरा मतलब है आज अगर आप दुनिया के 200 देशों से पूछें कि क्या आप सुधार चाहते हैं या नहीं चाहते हैं। बहुत बड़ी संख्या में देश कहेंगे, हां हम सुधार चाहते हैं। राष्ट्र मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रयासों का आग्रह कर रहे हैं।
इसी साल सितंबर महीने में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि UNSC की व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ तो लोग बाहर समाधान ढूंढना शुरू कर देंगे। वहीं दिल्ली में आयोजित G20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने समापन संबोधन के दौरान कहा था कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, उस समय की दुनिया आज से बिल्कुल अलग थी। तब UN में 51 संस्थापक सदस्य थे। आज संयुक्त राष्ट्र में शामिल देशों की संख्या 200 है। इसके बावजूद इसमें स्थायी सदस्य पहले वाले ही हैं। UNSC अब भी वैसा ही है।