नई दिल्ली(ए)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाते हुए कहा कि हरेक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना भी लगा सकता है। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पतंजलि को यह चेतावनी उनके उत्पादों को लेकर भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण पर दी। कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को भविष्य में इस तरह के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने से बचने की सलाह दी।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम इसे ऐलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस में तब्दील नहीं करना चाहते, लेकिन मेडिकल से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों की समस्या का समाधान निकालना होगा। बता दें कि इससे पहले अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए योग गुरु बाबा रामदेव को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें अन्य व्यवस्थाओं की आलोचना नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने तब कहा था, “बाबा रामदेव को क्या हुआ? उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया, लेकिन उन्हें अन्य सिस्टम की आलोचना नहीं करनी चाहिए। क्या गारंटी है कि उनका सिस्टम काम करेगा?”