Home देश-दुनिया सहाराश्री सुब्रत रॉय का निधन : अरसे से चल रहे थे बीमार, अंतिम समय में न बेटे साथ थे न ही पत्नी, सभी विदेश में सेटल

सहाराश्री सुब्रत रॉय का निधन : अरसे से चल रहे थे बीमार, अंतिम समय में न बेटे साथ थे न ही पत्नी, सभी विदेश में सेटल

by admin

नई दिल्ली(ए)।  सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सहाराश्री सुब्रत रॉय सहारा का मंगलवार को निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे। सहारा परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। कारोबारी और राजनीतिक जगत के दिग्गजों ने राय के निधन पर शोक जताया है।  सहारा समूह ने एक बयान जारी कर कहा, दुख के साथ हम सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर और अध्यक्ष सुब्रत राय सहारा के निधन की सूचना देते हैं। एक दूरद्रष्टा और प्रेरक व्यक्तिक्त के मालिक सहारा श्री का निधन रात 10.30 बजे कार्डिएक अरेस्ट के कारण हुआ। बयान में कहा गया है कि राय कैंसर से जूझ रहे थे जो शरीर में फैल गया था। इसके अलावा उन्हें रक्तचाप और मधुमेह की भी समस्या थी। उन्हें 12 नवंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था। वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे। उन्हें देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से भी जाना जाता था। बिहार के अरारिया जिले में जन्मे सुब्रत रॉय ने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।

1978 में की सहारा इंडिया परिवार की स्थापना
सहाराश्री ने वर्ष 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय शुरू किया और सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की। वर्ष 2012 में इंडिया टुडे पत्रिका ने सुब्रत रॉय को भारत के 10 सर्वाधिक अमीर लोगों में शामिल किया था। आज सहारा समूह हाउसिंग, मनोरंजन, मीडिया, रिटेल और वित्त सेवाओं जैसे तमाम क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सहारा समूह के पास जून-2010 तक लगभग 1,09,224 करोड़ रूपये की परिसंपत्ति थी। फोर्ब्स की सूची के अनुसार राय देश में व्यक्तिगत संपत्ति के मामले में सबसे धनवान शख्स थे। देश के कारोबारी दिग्गजों में शुमार किए जाने वाले राय की कुल संपत्ति करीब 3 अरब डॉलर (24882 करोड़ रुपये) थी।

समाजवादी पार्टी ने सहाराश्री के निधन पर दुख जताया
समाजवादी पार्टी ने एक्स पर एक पोस्ट में सुब्रत रॉय के निधन पर शोक व्यक्त किया। पार्ट ने लिखा, सहाराश्री सुब्रत रॉय जी का निधन अत्यंत दुःखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को ये असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो।

सेबी से विवाद पड़ा भारी 
करीब एक दशक पूर्व रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाले सुब्रत राय के सहारा समूह का पतन सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुआ। सेबी ने सहारा की कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन में जमा निवेशकों की रकम को नियमविरुद्ध तरीके से दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर करने पर आपत्ति जताते हुए करीब 24 हजार करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। बाद में, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई महीने तक सुब्रत राय को जेल में रखा। समूह की संपत्तियां बेचने पर रोक लगा दी।  मई, 2016 में मां की मौत के बाद उन्हें जमानत मिली और अब तक वह इस मामले में जमानत पर ही थे।

समूह के पास अब भी दो लाख करोड़ से अधिक की संपत्तियां
कोर्ट के आदेश पर बिकने वाली संपत्तियों की रकम भी सहारा को सेबी के पास जमा कराने का आदेश दिया। सहारा ने सेबी को कुल जमा राशि का बड़ा हिस्सा दिया, पर पूरी रकम जमा नहीं कर सका। इस बीच, समूह की कंपनियों और निदेशकों के खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज होते गए। पुलिस निदेशकों की तलाश में छापे मारती रही। हालांकि सहारा समूह को कुछ राहत तब मिली, जब केंद्र सरकार ने सहारा के निवेशकों की रकम को वापस करने के लिए पोर्टल शुरू किया। सहारा समूह के पास वर्तमान में कई शहरों में संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत दो लाख करोड़ से अधिक होने का दावा किया जाता है।

करीब एक दशक पूर्व रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाले सहारा समूह का पतन सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुआ। सेबी ने सहारा की दो कंपनियों में जमा निवेशकों की रकम को नियम विरुद्ध तरीके से दूसरी कंपनियो में ट्रांसफर करने पर आपत्ति करते हुए करीब 24 हजार करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया था। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई महीने तक सुब्रत राय को जेल में रखा। सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी गयी।

कोर्ट के आदेश पर बिकने वाली संपत्तियों से मिलना वाली रकम भी सहारा को सेबी के पास जमा कराने का आदेश दिया। सहारा ने कुछ किस्तों में सेबी को कुल जमा धनराशि का बड़ा हिस्सा दिया, लेकिन पूरी रकम को जमा नहीं कर सका। इस बीच सहारा ग्रुप की कंपनियों और उसके निदेशकों के खिलाफ कई राज्यों में सैंकड़ों मुकदमे दर्ज होते गए और पुलिस सुब्रत राय और बाकी निदेशकों की तलाश में लखनऊ समेत कई जगहों पर छापा मारती रही। हालांकि सहारा समूह को कुछ राहत तब मिली जब केंद्र सरकार ने सहारा के निवेशकों की रकम को वापस करने के लिए पोर्टल शुरू किया। सहारा समूह के पास वर्तमान में देश के कई शहरों में संपत्तियां हैं जिनकी कीमत दो लाख करोड़ से अधिक होने का दावा किया जाता है।

स्कूटर से शुरू किया था कारोबार 
बिहार के अररिया जिले के निवासी सुब्रत रॉय ने कोलकाता और गोरखपुर में शिक्षा हासिल करने के बाद वर्ष 1978 में माइक्रो फाइनेंस का कारोबार शुरू किया था। देखते ही देखते सहारा समूह छोटे निवेशकों की कमाई को जमा करने और उनको लुभावने ब्याज पर रकम वापस करने वाला बड़ा समूह बन गया। बाद में सहारा समूह ने रियल एस्टेट के कारोबार में भी हाथ आजमाया। वर्तमान में यह समूह इलेक्ट्रिक वाहन, इंश्योरेंस, मीडिया आदि सेक्टर में काम कर रहा है। सहारा के पास लखनऊ, गोरखपुर, मुंबई में तमाम बेशकीमती संपत्तियां हैं, जिसमें एंबी वैली प्रमुख है।

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