नई दिल्ली(ए)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक अंतरिक्ष प्रतियोगिता के जरिये युवाओं से भविष्य में भेजे जाने वाले रोबोटिक रोवर्स संबंधी मौलिक विचार और डिजाइन भेजने को कहा है। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अन्वेषण के बाद, इसरो ने कहा कि वह चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों के लिए भविष्य के रोबोटिक अन्वेषण अभियानों की तैयारी कर रहा है।
यहां स्थित मुख्यालय में इसरो ने कहा कि वह संगठन के उद्देश्यों के अनुरूप प्रौद्योगिकी विकास गतिविधियों में भाग लेने के लिए शिक्षा जगत और उद्योगों को अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। संगठन ने कहा, ‘‘इस दृष्टिकोण के अनुरूप, यू आर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी)/इसरो अंतरिक्ष रोबोटिक्स में विकास के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से एक अंतरिक्ष रोबोटिक्स प्रतिस्पर्धा आयोजित करेगा जिसके माध्यम से भारत के युवाओं से भविष्य के मिशन के लिए रोबोटिक रोवर्स के मौलिक विचारों और डिजाइन का आह्वान किया जाता है।
इससे इसरो के अंतर-ग्रहीय मिशन के प्रति देश के युवाओं में रचनात्मक सोच विकसित करने का मौका मिलेगा।” इसरो ने बयान में कहा कि अंतरिक्ष रोबोटिक्स के क्षेत्र में छात्रों को अवसर प्रदान करने के लिए, ‘इसरो रोबोटिक्स चैलेंज-यूआरएससी 2024 (आईआरओसी-यू 2024)’ का आयोजन ‘आओ एक अंतरिक्ष रोबोट बनाएं’ की टैगलाइन के साथ किया जाएगा। संगठन ने कहा कि अंतिम प्रतियोगिता अगस्त 2024 में यूआरएससी बेंगलुरु परिसर में आयोजित करने की योजना है।
इसरो ने रोबोटिक रोवर के मौलिक विचारों और डिजाइन के लिए छात्रों को किया आमंत्रित
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