दुबई (ए)। कतर अदालत ने पिछले साल गिरफ्तार किए गए आठ भारतीयों के लिए मौत की सजा की घोषणा से भारत स्तब्ध है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस फैसले पर हैरानी जताई और कहा कि सरकार सभी कानूनी विकल्प तलाश रही है। इन आठों पूर्व नौसैनिकों के नाम हैं कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश। इन सभी को जासूसी के आरोप में पूछताछ करने के लिए इनके स्थानीय निवास से गिरफ्तार कर लिया गया था। ज्यादातर पूर्व ऑफिसर्स ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।” “हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं, और इस पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतरी अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे।” उधर, इनके परिवारवाले इनके प्रत्यार्पण पर आने वाले फैसले को लेकर आशावादी थे। एक वेटरन के परिवार वाले ने कहा कि हमें दिवाली तक उनके वापस आने की उम्मीद थी लेकिन इस फैसले से वे स्तब्ध हैं।