भारत अगले कुछ वर्षों तक सबसे तेजी से तरक्की करने वाला देश बना रहेगा। इसी वजह से अगले 5 साल में, यानी 2028 तक दुनिया की इकोनॉमिक ग्रोथ में भारत की भागीदारी बढ़कर 18% हो जाएगी। यह अभी 16% से कुछ कम है।
ये बात IMF की ताजा रिपोर्ट में कही गई है। 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 262 लाख करोड़ रुपय था, जो 2028 तक 500 लाख करोड़ रुपय हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन मिलकर दुनिया की आर्थिक तरक्की में 50% हिस्सेदारी रखते हैं। भारत में इस साल GDP ग्रोथ रेट 6.3% रह सकता है, जो दुनिया में सर्वाधिक होगा।
10 बातें संकेत दे रही हैं कि भारत की तरक्की के पहिए अब कितने तेज हैं:
1. उत्पादन प्री-कोविड लेवल से ज्यादा
देश की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां बढ़ी हुई डिमांड के चलते अपनी उत्पादन क्षमता का 76.3% तक डिलीवर कर रही हैं। यह स्तर 2019 से भी ज्यादा है। उस समय कारखाने अपनी उत्पादन क्षमता का 75% तक उपयोग कर रहे थे।
2. बेरोजगारी दर लगातार गिर रही
देश में बेरोजगारी की दर मई 2023 में 8% से ज्यादा पहुंच गई थी। अब यह 7.1% पर आ गई। देश की 39.97% आबादी के पास रोजगार है। 40.87% योग्य श्रमशक्ति के पास अत्यधिक काम है।
3. विदेशी भंडार भारत में 22% बढ़ा
मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक भारत में विदेशी मुद्रा का भंडार 22% बढ़ चुका है। इसकी तुलना में चीन में भंडार सिर्फ 1.9% बढ़ा है। इस समय भारत विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है।
4. भरोसा सर्वाधिक, यूरोप से डेढ़ गुना
अर्थव्यवस्था में भारतीय उपभोक्ताओं का भरोसा दुनिया में सबसे ज्यादा है। उपभोक्ता सूचकांक 90 है। यह यूरोजोन में 60 है। इंग्लैंड को छोड़ दें तो पूरे यूरोजोन व अमेरिका में उपभोक्ताओं का भरोसा लगातार गिरता जा रहा है।
5. महंगाई के मोर्चे पर भी अब राहत
आरबीआई के सर्वे में मध्यवर्ग का मानना है कि जरूरी वस्तुओं के दाम घट रहे हैं। अधिकांश वस्तुओं के दाम पिछले साल के मुकाबले 7-8% ज्यादा हैं। सितंबर-2021 में महंगाई दर 12% थी। अब 6.3% पर आ चुकी है।