नई दिल्ली (ए)। ndia-China Border: तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच भारत ने पिछले तीन वर्षों में चीन सीमा के पास व्यापक निर्माण गतिविधियां की हैं. सीमा सड़क संगठन ने इस दौरान ₹8,000 करोड़ की लगभग 300 परियोजनाएं पूरी की हैं और क्षेत्र में विकास कार्य तेज गति से जारी है.
बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने रविवार को कहा, ‘पिछले तीन वर्षों में, हमने
दुनिया का सबसे बड़ा 3डी कंक्रीट प्रिंटेड परिसर
चौधरी रविवार को बीआरओ एयर डिस्पैच यूनिट के चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे – जिसे दुनिया का सबसे बड़ा 3डी कंक्रीट प्रिंटेड परिसर कहा जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा मंत्रालय की इकाई अब सड़कों के निर्माण में स्टील स्लैग – स्टील का बाई-प्रोडक्ट – और प्लास्टिक का उपयोग कर रही है.
डीजी ने कहा, ‘आज बीआरओ के काम की गति काफी तेज है और इसमें सरकार का पूरा सहयोग है, चाहे वह बजट हो, मशीनें हों, नई तकनीक हो या प्रक्रियाओं का सरलीकरण हो. आप निश्चिंत हो सकते हैं कि हम अगले चार से पांच वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देंगे.’
‘मौजूदा सरकार का नजरिया अलग’
चौधरी ने कहा कि जबकि पिछली सरकारें वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सड़कों के निर्माण से सावधान थीं. तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने 2008 में संसद में बयान दिया था कि चीन इन सड़कों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सकता है लेकिन वर्तमान शासन ‘अलग तरीके से सोच रहा है.’
डीजी ने कहा, ’60 वर्षों में केवल दो सुरंगों के निर्माण हुआ था, पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में अब चार सुरंगों का निर्माण देखा गया है. उन्होंने कहा, ‘हम वर्तमान में 10 सुरंगों पर काम कर रहे हैं, जो अगले साल तक तैयार हो जाएंगी और आठ और सुरंगों की योजना है.’
295 सड़क परियोजनाएं, पुल, सुरंगें और एयरफील्ड स्थापित किए जो राष्ट्र को समर्पित किए गए. चार महीनों में हमारी 60 और परियोजनाएं तैयार हो जाएंगी और हमारे काम की गति बढ़ गई है.’ अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले दो वर्षों में संगठन के बजट में 100% की वृद्धि की है.
‘बर्फ हटाने की नई तकनकी और मशीनें’
चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, तवांग और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित सड़कों के बंद रहने के समय को कम करने के लिए बीआरओ बर्फ हटाने के लिए नई तकनीकों और मशीनों का उपयोग कर रहा है.
जोजी ला दर्रे का उदाहरण देते हुए चौधरी ने कहा कि यह बर्फ के कारण अक्टूबर से छह महीने तक बंद रहता था. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में बंद रहने का समय कम हो गया है.
‘सड़क विकास की रीढ़ है’
डीजी ने कहा कि सड़क बुनियादी ढांचे का विकास केवल सुरक्षा बलों के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे दूरदराज के गांवों और दूर-दराज के इलाकों और कठिन इलाकों में रहने वाले लोगों के सामाजिक-आर्थिक उन्नयन में भी काफी मदद मिलती है, सड़क विकास की रीढ़ है.
बीआरओ की परियोजनाओं पर, महानिदेशक ने कहा कि इसने डेमचोक में 19,000 फीट पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का निर्माण किया. उन्होंने कहा, लगभग 40 दिन पहले, हमने 15,000 फीट की ऊंचाई पर हानले में एक सुरंग शुरू की थी.