शिमला (ए)। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपा रखा है। प्रदेश के कई जिलों में बादल फटने और भारी बारिश की वजह से राज्य में अभी भी कई लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं। वहीं भूस्खलन और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है।
बता दें मंडी और शिमला में सबसे ज्यादा 23 और 19 लोगों की मौत हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल टीमों ने मंगलवार को शिमला के समर हिल इलाके से तीन और शव निकाले, जहां पिछली सुबह एक बड़े भूस्खलन ने शिव बावड़ी मंदिर को नष्ट कर दिया था, जिसमें दो दर्जन से अधिक लोग दब गए थे। यहां अब तक 12 शव मिल चुके हैं।
वहीं शिमला में स्थिति और खराब होने की आशंका है। शिमला और कई अन्य स्थानों पर भूस्खलन की आशंका बढ़ती जा रही है। मंगलवार को कृष्णा नगर इलाके में एक और बड़ा भूस्खलन हुआ। इलाके में नगर निगम का बूचड़खाना और उसके आसपास के कई घर ढह गए, जिससे कई लोग मलबे में दब गए। मलबे से दो शव निकाले गए है।
वहीं राज्य में खराब हालात को देखते हुए अधिकारियों ने बुधवार को राज्य भर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है। बता दें इस मानसून सीजन में हिमाचल में बादल फटने और भूस्खलन की कुल 170 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिससे लगभग 9,600 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में सोलन, शिमला, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा हैं। पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण अचानक आई बाढ़ के कारण कांगड़ा के मांड में 500 से ज्यादा लोग फंस गए। मंडी जिले के बलद्वाड़ा क्षेत्र में पांच मकान गिरने की खबर सामने आई है।
वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले तीन दिनों में बारिश में 157% की वृद्धि की ओर इशारा किया। सुक्खू ने कहा कि 1,220 अवरुद्ध सड़कों में से लगभग 400 को बहाल कर दिया गया है, लेकिन चुनौतियां कठिन बनी हुई हैं। सीएम सूक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 48 घंटे के अंदर मची तबाही में तकरीबन 60 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा के इस समय में 800 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।