नई दिल्ली (ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले पर 10वीं बार झंडा फहराया। PM मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपना संबोधन शुरू किया। वह देश को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि 140 करोड़ परिवारजन, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, अब जनसंख्या की दृष्टि से भी अब हम नंबर 1 पर हैं, इतना बड़ा देश, 140 करोड़ देश, मेरे भाई, बहन परिवारजन आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इससे पहले PM मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की। अपने सरकारी आवास से निकलने के बाद प्रधानमंत्री सीधे राजघाट पहुंचे और बापू की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
- 40 करोड़ परिवारजन, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र
- अब जनसंख्या की दृष्टि से भी अब हम नंबर 1 पर हैं
- इतना बड़ा देश, 140 करोड़ देश, मेरे भाई, बहन परिवारजन आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं
- इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अलग-अलग हिस्सों में संकट पैदा किया है। राज्य और केंद्र सरकार संकटों से मुक्त होकर तेज गति से आगे बढ़ेंगे।
- पीएम मोदी ने देशवासियों की जगह इस्तेमाल किया परिवारजन
- पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से किया मणिपुर की हिंसा का जिक्र
- पिछले दिनों मणिपुर में हिंसा हुई थी, माता, बहनों के दुर्व्यव्यहार किया गया, लेकिन अब मणिपुर से पिछले कुछ दिनों से हिंसा की कोई खबर नहीं आई है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में शांति से ही समाधान निकलेगा।
- भारत के अमृतकाल में जो फैसले लेंगे, सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए फैसले लेंगे, एक बाद एक फैसले लेंगे, आने वाले 1000 साल का इतिहास स्वर्णिम होने वाला है।
- विश्व में भारत के प्रति विश्वास बढ़ रहा है।
- दुनिया की 30 साल से कम की युवाओं की सबसे ज्यादा भारत में है
- हम एक संधि पर खड़े हैं, अब हमें न रूकना है, न दुविधा में जीना है
- हम जो भी फैसला लेंगे, वह अगले 1000 साल का भाग्य लिखने वाला है
- युवाओं को जो सौभाग्य मिला है, वह शायद ही किसी के नसीब में होता है
- आज में युवाओं ने भारत को विश्व के तीन स्टार्टअप देशों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है, इससे दुनिया अचंभित है
- डिजिटल इंडिया का प्रभाव केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों में ही डिजिटल इंडिया तेजी से विकास हो रहा है
- खेलों की दुनिया में झुग्गी, झोंपड़ी से निकले बच्चे आज दुनियाभर में कमाल दिखा रहे हैं।
- आज देश प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ चला है, आज देश कृषि क्षेत्र में भी आगे बढ़ चला है।
- टेक्नोलॉजी में भारत का बोलबाला है
- छोटे शहरों के युवा बड़ा काम कर रहे हैं
- आज भारत का एक्सपोर्ट पर तेजी से बढ़ रहा है
- दुनिया के एक्सपर्ट कर रहे हैं कि भारत अब रुकने वाला नहीं है, कोरोना काल के बाद दुनिया नए सिरे सोचने लगी है
- द्वितीय विश्व के बाद दुनिया में एक नए वर्ल्ड ऑर्डर ने आकार लिया था, कोरोना के बाद अब नया विश्व ऑर्डर रूप ले रहा है
- बदलते विश्व ऑर्डर में 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य नजर आ रहा है
- मानवीय संवेदनाओं को छोड़कर विश्व का कल्याण नहीं कर सकते
- आज जो भारत ने कमाया है, वो दुनिया में स्थरिता की गारंटी लेकर आया है
- आज दुनिया के मन में भारत के प्रति न कोई If है और न कोई But
- 2014 में एक मजबूत सरकार बनाई, 2014 में, 2019 में आपने एक ऐसी सरकार बनाई,जिससे मोदी ने रिफॉर्म की करने की हिम्मत दिखाई
- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म आज भारत को गढ़ रहा है, दुनिया को युवा शक्ति की जरूरत है, हमने स्किल मंत्रालय बनाया, हमने जलशक्ति मंत्रालय बनाया।
- हमने अलग आयुष मंत्रालय बनाया, आज योग और आयुष दुनिया का डंक बज रहा है
- देश घोटालों से निकलकर आगे बढ़ चुका है
- 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये जाते थे, पिछले 9 साल में यह आंकड़ा 100 लाख करोड़ के पार पहुंचा है
- पहले गरीबों के घर बनाने के लिए 90000 करोड़ खर्च होता था, आज 4 लाख करोड़ रुपये गरीबों के घर बनाने में खर्च हो रहा है
- किसानों को सस्ता यूरिया मिल रहा है, योजनाओं का लाभ गरीबों को मिल रहा है, कारोबार के लिए ऋण मिल रहा है
- 13.5 करोड़ लोग गरीबी से निकलकर बाहर आए हैं, जीवन में इससे बड़ा संतोष नहीं हो सकता है
- विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना लॉन्च करेंगे
- पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किया है
- जब देश में गरीबी कम होती है, तो मध्यम वर्ग की ताकत बहुत बढ़ती है
- आने वाले पांच सालों में मोदी की गारंटी है, देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा
- मध्यवर्गीय परिवार जो अपने घर का सपना देख रहे हैं, हम उनके लिए एक योजना लेकर आ रहे हैं। शहर में रहने वाले लोग, जो किराए और अनाधिकृत कॉलोनी में रहते हैं। सरकार उनके लिए नई योजना लेकर आने वाली है।
- पूरी दुनिया को महंगाई ने जकड़ के रखा है, भारत ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भरकस प्रयास किए हैं। पिछले कालखंड की तुलना में कुछ राहत भी राहत भी मिली है, लेकिन इतने से संतुष्ट नहीं होना है। महंगाई को कम करने के लिए सरकार के प्रयास जारी रहेंगे।
- गांव, गांव पक्की सड़कें बन रही हैं, गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है।
- जिन योनजाओं का आज शिलान्यास कर रहा हूं, उनका उद्घाटन भी हमारे कार्यकाल में होगा
- दुनिया में सबसे तेज 5G रॉल आउट कर दिया, 6G की तरफ हमने कदम बढ़ा दिए हैं
- समय से पहले नई संसद बनाकर रख दी है
- ये भारत न रूकता है, ये भारत न थकता है, ये भारत न हांफता है, ये भारत न हारता है
- हमारी आर्थिक शक्ति बढ़ी है तो सामरिक शक्ति भी बढ़ी है, भारत की आंतरिक सुरक्षा भी मजबूत हुई है।
- हमारी सेना युद्ध के लिए तैयार रहे, इसके लिए सेना में भी रिफॉर्म का काम चल रहा है
- पहले देश के अलग-अलग हिस्सों से सीरियल ब्लास्ट की खबरें आती थीं, आज देश सुरक्षा की अनुभूति कर रहा है
- आज देश आधुनिकता की तरफ बढ़ चुका है
- 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बने
- 75 सालों से भारत के सामर्थ्य में कोई कमी नहीं थी
- भ्रष्टाचार को खत्म करना है, भ्रष्ट्राचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी, भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलानी है
- अब आंख से आंख मिलाने का समय है, अब आंख बंद करने का समय नहीं है
- आज परिवारवाद और तुष्टिकरण ने देश को बर्बाद कर दिया, देश के लोकतंत्र को परिवारवाद कभी मजबूती नहीं दे सकती
- तुष्टिकरण ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है
- मेरा तन मन जनता के लिए, मैं जनता का दुख नहीं देख सकता, मैं जनता के संकल्प पूरा करने में जुटा
- अगले साल मैं फिर लालकिले की प्राचीर से नई ऊर्जा के साथ देशवासियों के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करूंगा प्रधानमंत्री मोदी इस वार्षिक कार्यक्रम का उपयोग अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करने, प्रमुख योजनाओं का अनावरण करने और देश के लिए अपना भावी दृष्टिकोण रखने के लिए करते रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री 2014 के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास की रुपरेखा सबके सामने रख सकते हैं और आने वाले वर्षों के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने पिछले संबोधनों में भी किया है।
प्रधानमंत्री के संबोधनों के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जाते रहे हैं, ऐसे में कहा जा रहा है कि इस बार के उनके संबोधन में भी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कोई ना कोई राजनीतिक संदेश भी हो सकता है। मोदी स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधनों में विपक्षी दलों पर कोई सीधा राजनीतिक हमला करने से बचते रहे हैं, लेकिन उन्होंने अक्सर भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दों पर विपक्ष पर निशाना साधा है। विपक्षी दलों के कार्यकाल को वह नीतिगत पंगुता का दौर बताते रहे हैं और उसके बाद अपनी सरकार में शासन में आए बदलावों पर जोर भी देते रहे हैं।
2014 में जनधन, स्वच्छता अभियान की थी घोषणा
प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में अक्सर भारत के बढ़ते वैश्विक कद का उल्लेख किया है और राष्ट्रीय हित के साथ ही सुरक्षा और विदेश नीति पर भी प्रकाश डाला है। वर्ष 2014 में लाल किले की प्राचीर से अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में उन्होंने स्वच्छ भारत और जन धन खातों जैसे कई नए कार्यक्रमों की घोषणा की थी। इसके बाद भी उन्होंने इस दिन कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं और महिलाओं के खिलाफ अपराध और सामाजिक संघर्ष जैसी सामाजिक बुराइयों सहित कई मुद्दों पर नागरिकों के साथ जुड़ने की कोशिश की है।पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर ‘पंच प्रण’ की घोषणा प्रधानमंत्री के भाषण का मुख्य आकर्षण था, क्योंकि उन्होंने लोगों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने, औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को खत्म करने, विरासत पर गर्व करने, एकता की ताकत को बढ़ावा देने और ईमानदारी के साथ नागरिकों के कर्तव्यों को पूरा करने का आह्वान किया था। उन्होंने अक्सर इस बात पर प्रकाश डाला है कि उन्होंने खुले में शौच के चलन को समाप्त करने के लिए गरीब परिवारों के लिए शौचालय बनाने जैसे जमीनी मुद्दों को कैसे उठाया है।