Home छत्तीसगढ़ सारंगढ़-बिलाईगढ़ : वंशिका के पैरों के सफल ऑपरेशन से चिरायु ने लौटाया माता पिता की मुस्कान

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : वंशिका के पैरों के सफल ऑपरेशन से चिरायु ने लौटाया माता पिता की मुस्कान

by Surendra Tripathi

सारंगढ़-बिलाईगढ़, 4 जून 2023

कलेक्टर डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी के निर्देशन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलाईगढ़ की चिरायु टीम ने डिलीवरी प्वाइंट प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भटगांव में  निरीक्षण के दौरान 22 मई को जन्मजात दोनों पैरों की विकृति (क्लब फुट) से ग्रसित बच्ची को देखा जो कि माता मीनू साहू मधुबन कला तथा पिता मोरध्वज साहू की पहली पुत्री है। पहली बार माता-पिता बने दंपत्ति को चिरायु योजना के लाभों को बताते हुए आश्वासन दिया गया कि बच्ची का संपूर्ण इलाज सफलतापूर्वक होना संभव है जिससे माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान आयी। साथ ही सम्बंधित ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक श्री गौरी यादव के द्वारा भी घर जाकर इलाज हेतु प्रेरित करने पर 31 मई 2023 को डेडिकेटेड चिरायु टीम बिलाईगढ़ द्वारा जिला अस्पताल बलौदाबाजार ले जाया गया जहाँ बेबी वंशिका का इलाज जिला अस्पताल बलौदाबाजार के डॉ कल्याण (ऑर्थोपेडिक सर्जन) प्रथम सीरियल कास्टिंग की प्रक्रिया के द्वारा किया गया।
बच्ची को फॉलो अप के लिए जून में मंगलवार को पुनः बुलाया गया है। इसी तरह वस्तुस्थिति के देखकर 5 से 6 बार इस प्रक्रिया को दुहराया जाएगा। अगर इसके बाद भी सुधार नही होगा तो सर्जरी की जाएगी जो पूर्णतः निःशुल्क होगा।
चिरायु टीम बिलाईगढ़ द्वारा बराबर बच्चे का फॉलोअप ग्राम मधुबन कला में उसके घर पहुंच कर किया जा रहा है।
चिरायु टीम द्वारा जिला सहित पूरे राज्य भर के चिन्हित बच्चों को लगातार योजना का लाभ दिलाया  जा रहा है। चिरायु टीम बच्चों के लिए एक सुरक्षा कवच है जो पहुंचविहीन वन ग्रामों में निवासरत निम्न तबके के लोगों के लिए जो अपने बच्चों का बड़े अस्पतालों में खर्च एवं इलाज नही करा पाते किंतु चिरायु योजना ऐसे परिजनों को अच्छी व्यवस्था एवं इलाज प्रदान कर लाभान्वित करता जा रहा है तथा आगे भी ऐसे ही कार्य को पूरा करेगा।
चिरायु कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में जिले के सीएमएचओ डॉ एफ आर निराला, डीपीएम एन एल इजारदार, बिलाईगढ़ बीएमओ डॉ पी वैष्णव, चिरायु जिला नोडल डॉ पी डी खरे के मार्गदर्शन में  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  बिलाईगढ़ चिरायु टीम के डॉ लकेश्वर पटेल, डॉ सुमन केशरवानी, फार्मासिस्ट मिथलेश रत्नाकर एवं एएनएम हेमलता साहू की टीम का सराहनीय योगदान रहा।

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