Home छत्तीसगढ़ सुशीला सोढ़ी के लिए 9 मई का दिन बहुत भावुक क्षण था, जब राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उनके पति शहीद नारायण सोढ़ी को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। कृतज्ञ राष्ट्र ने उनके पति की असाधारण वीरता का सम्मान किया था। सुशीला ने बताया कि उनके लिए राष्ट्रपति के हाथों यह सम्मान ग्रहण करना बहुत गौरवपूर्ण क्षण था। शहीद जवान की पत्नी सुशीला ने स्मृतियों को साझा करते हुए बताया कि मेरे पति ने अपने देश के लिए शहादत दी। उन्होंने देश में अमन चैन के लिए अपनी शहादत दी। मेरे पति का जन्म बीजापुर जिले के उसूर विकासखंड के पुन्नूर में हुआ था। उन्होंने नक्सल हिंसा को निकट से देखा था। सलवा जुडूम आंदोलन के समय अपने गाँव से दूर होने का दुख उन्होंने झेला था। वे एसपीओ के रूप में भर्ती हुए और माओवाद के खिलाफ जंग शुरू की। 2010 में वे जिला बल में तैनात हुए। सन् 2006 में सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान उन्हें परिवार समेत मूल गांव छोड़ना पड़ा था। बीजापुर जिले के टेकलगुडेम में हुए नक्सल ऑपरेशन के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए थे। सुशीला ने बताया कि जिला बल में तैनात रहते हुए उन्होंने हमेशा चौकस रहकर कार्य किया। वे जब भी घर आते तो बताते कि किस तरह से नक्सल उन्मूलन की कठिन लड़ाई कर रहे हैं। हम सबको उनके साहस को देखकर बहुत अच्छा लगता। वो बताते कि कई बार रात-रात भर जंगलों में उन्हें सुरक्षा बलों के साथ मोर्चे पर जाना होता। इतने कठिन जीवन के बावजूद उनके चेहरे पर हमेशा संतोष रहता था कि वे अपने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए यह कार्य कर रहे हैं। वे हमेशा कहते कि जब हम साहस करते हैं तभी हम बिना डर के जीवन जी सकते हैं। सुशीला ने बताया कि उनके पति ने देश के लिए असाधारण त्याग किया है और देश ने उन्हें इसके लिए सम्मानित भी किया है। हमारा पूरा परिवार इस सम्मान में हिस्सेदारी महसूस करता है और राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता महसूस करता है। उन्होंने कहा कि मेरी तीनों बेटियां और बेटा सभी आज गौरवान्वित हैं। यह सम्मान पूरे बस्तर का सम्मान है। छत्तीसगढ़ का सम्मान है।

सुशीला सोढ़ी के लिए 9 मई का दिन बहुत भावुक क्षण था, जब राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उनके पति शहीद नारायण सोढ़ी को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। कृतज्ञ राष्ट्र ने उनके पति की असाधारण वीरता का सम्मान किया था। सुशीला ने बताया कि उनके लिए राष्ट्रपति के हाथों यह सम्मान ग्रहण करना बहुत गौरवपूर्ण क्षण था। शहीद जवान की पत्नी सुशीला ने स्मृतियों को साझा करते हुए बताया कि मेरे पति ने अपने देश के लिए शहादत दी। उन्होंने देश में अमन चैन के लिए अपनी शहादत दी। मेरे पति का जन्म बीजापुर जिले के उसूर विकासखंड के पुन्नूर में हुआ था। उन्होंने नक्सल हिंसा को निकट से देखा था। सलवा जुडूम आंदोलन के समय अपने गाँव से दूर होने का दुख उन्होंने झेला था। वे एसपीओ के रूप में भर्ती हुए और माओवाद के खिलाफ जंग शुरू की। 2010 में वे जिला बल में तैनात हुए। सन् 2006 में सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान उन्हें परिवार समेत मूल गांव छोड़ना पड़ा था। बीजापुर जिले के टेकलगुडेम में हुए नक्सल ऑपरेशन के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए थे। सुशीला ने बताया कि जिला बल में तैनात रहते हुए उन्होंने हमेशा चौकस रहकर कार्य किया। वे जब भी घर आते तो बताते कि किस तरह से नक्सल उन्मूलन की कठिन लड़ाई कर रहे हैं। हम सबको उनके साहस को देखकर बहुत अच्छा लगता। वो बताते कि कई बार रात-रात भर जंगलों में उन्हें सुरक्षा बलों के साथ मोर्चे पर जाना होता। इतने कठिन जीवन के बावजूद उनके चेहरे पर हमेशा संतोष रहता था कि वे अपने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए यह कार्य कर रहे हैं। वे हमेशा कहते कि जब हम साहस करते हैं तभी हम बिना डर के जीवन जी सकते हैं। सुशीला ने बताया कि उनके पति ने देश के लिए असाधारण त्याग किया है और देश ने उन्हें इसके लिए सम्मानित भी किया है। हमारा पूरा परिवार इस सम्मान में हिस्सेदारी महसूस करता है और राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता महसूस करता है। उन्होंने कहा कि मेरी तीनों बेटियां और बेटा सभी आज गौरवान्वित हैं। यह सम्मान पूरे बस्तर का सम्मान है। छत्तीसगढ़ का सम्मान है।

by Surendra Tripathi

बेलतरा में विभिन्न समाज के प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात

विभिन्न समाजों के भवनों के निर्माण के लिए दी राशि की मंजूूरी
रायपुर,

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान बेलतरा में विभिन्न सामाजिक संगठनों और प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात के दौरान सरपंच और ग्रामीणों की मांग पर बेलतरा में महाविद्यालय और स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि समाज के हर वर्ग को स्थानीय स्तर पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो और वे सक्षम तथा आत्मनिर्भर बनें। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भेंट-मुलाकात एवं शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत देखने के बाद सामाजिक प्रतिनिधियों से सामाजिक सरोकार के कामों एवं समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कई समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर सामाजिक भवन के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत किए जाने के साथ ही उनकी समस्याओं के निदान के लिए निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी  सरकार ने समाज को न्यूनतम दर पर शासकीय जमीन आबंटित करने के लिए नीति बनाई है। मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात के दौरान केंवट समाज के प्रतिनिधि मंडल की मांग पर चाटीडीह में भवन निर्माण के लिए 25 लाख रूपए, ढिमर समाज को बिलासपुर में सामाजिक भवन निर्माण के लिए 25 लाख रूपए, मुस्लिम समाज के सामाजिक भवन विस्तार के लिए 25 लाख रूपए, मानिकपुरी समाज को सामाजिक भवन निर्माण के लिए 25 लाख रूपए, शिकारी समाज की मांग पर रतनपुर में सामाजिक भवन के लिए 25 लाख रूपए, जायसवाल समाज को बेलतरा में सामाजिक भवन के निर्माण के लिए 25 लाख रूपए, गुप्ता समाज को लखराम गांव में सामाजिक भवन निर्माण के लिए 10 लाख रूपए, सेंदरी गंधर्व महिला समाज को सिंदरी में मंगल भवन के लिए 10 लाख रूपए की मंजूरी प्रदान की। मुख्यमंत्री ने ठाकुर समाज के साहित्य परिषद के विकास के लिए प्रतिनिधि मंडल की मांग पर स्वेच्छानुदान मद से 5 लाख रूपए, बेलतरा निवासी मानिकपुरी समाज के 22 वर्षीय विवेक मानिकपुरी को कमर के इलाज के लिए 2 लाख रूपए की मंजूरी प्रदान की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात के दौरान केंवट समाज के प्रतिनिधि मंडल को समाज के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करने की बात कही। अघऱिया समाज के प्रतिनिधि मंडल को समाज के नाम से जमीन लेने के लिए विधिवत आवेदन करने कहा। इसी प्रकार राजपूत क्षत्रिय समाज, रजत समाज, कनौजिया सूर्यवंशी समाज, अघरिया समाज, पटेल समाज, भोसले समाज के प्रतिनिधि मंडल को समाज के नाम पर जमीन लेकर उसकी रजिस्ट्री कराने के बाद विधिवत सामाजिक भवन निर्माण के लिए राशि देने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा सेंदरी के श्री किशन प्रजापति द्वारा समाज के लिए भवन की मांग पर स्वीकृति प्रदान की। साहू समाज के प्रतिनिधि मंडल ने अगले खरीफ सीजन में 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। इसी प्रकार धोबी समाज के प्रतिनिधि मंडल की ओर से रजक समाज बोर्ड बनाने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। पटेल समाज के प्रतिनिधि मंडल द्वारा भी शाकंभरी बोर्ड संचालन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया गया।

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