रायपुर-
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 8 सितम्बर अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री बघेल ने आज यहां जारी अपने बधाई संदेश में कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस अक्षरों की अलख जगाने का दिन है, अक्षर ज्ञान की महत्ता बताने का दिन है। यह अक्षर ज्ञान के प्रकाश से समाज में सुख और समृद्धि फैलाने के संकल्प लेने का दिन है। उन्होंने कहा है कि वास्तव में अक्षर ज्ञान वह पहला द्वार है, जहां से ज्ञान के अनंत रास्ते खुलते हैं। साक्षरता से शिक्षा और शिक्षा से विकास का सीधा संबंध है। साक्षरता दिवस देश में साक्षरता के वर्तमान सोपान पर गर्व करने का दिन है। लगभग एक चौथाई आबादी को साक्षर बनाने के बारे में चिंतन और प्रण करने का दिन है। इसके लिए व्यक्तिगत रूचि और सामूहिक प्रयासों की बड़ी आवश्यकता है। व्यापक जनभागीदारी से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि साक्षर समाज, समानता, शांति और विकास का मूल आधार है। सन् 1966 में यूनेस्को ने 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। साक्षरता दिवस 2022 की थीम “ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेसेज’ (¼Tranforming Literacy Learning Spaces) है। वर्ष 2022-27 के लिए न्यू इंडिया लिट्रेसी प्रोग्राम नामक एक नई योजना को मंजूरी दी गई है। अब देश में “प्रौढ़ शिक्षा“ शब्द को “सभी के लिए शिक्षा’’ के रूप में बदल दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत इस वर्ष नवभारत साक्षरता कार्यक्रम से नई शुरूआत की गई है, जो पांच वर्षों तक संचालित किया जाएगा। इसमें बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, विधिक साक्षरता, चुनावी साक्षरता, व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा, जीवन पर्यन्त शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता आदि क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।
श्री बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया है कि सभी लोग कार्यक्रम में अपनी सक्रिय सहभागिता निभाएं और छत्तीसगढ़ को शत-प्रतिशत साक्षर बनाते हुए डिजिटल साक्षरता, जागरूकता सहित जीवन पर्यन्त शिक्षा की ओर अग्रसर हों। हमें साक्षरता के नए आयामों को छूना है। उन्होंने शालाओं और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों से अपील की है कि साक्षरता के पुनीत कार्य में भागीदार बनें। साक्षरता की नई उपलब्धियों से प्रदेश का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित होगा तथा हम गढबो नवा छत्तीसगढ़ का लक्ष्य पूरा करेंगे।