तीजहारिन माताओं व बहनों के साथ मुख्यमंत्री ने भी किया पारंपरिक नृत्य
रायपुर –मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास में आयोजित पोरा-तीजा तिहार में परिवार के साथ भगवान शिव और नंदीश्वर की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख और सृमद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने खेती-किसानी और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रतीक पोला तिहार की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ धन-धान्य से भरपूर रहे और हमारे पशुधन हमारी तरक्की में सहायक बने रहें।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने तीजा-पोरा की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
उन्होने कहा कि तीजा-पोरा खेती- किसानी, बहु बेटियों का त्यौहार है। मैं आप सभी का स्वागत करता हूं।
तीजा-पोरा के उत्सव में सीएम हाउस पहुंची छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्घ लोकगायिका और खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति ममता चंद्राकरजी ने ‘तोर मन कइसे लागे राजा’ गीत से तीजा के उत्सव को और खास बनाया। सीएम भूपेश बघेल और तीज मनाने पहुंची छत्तीसगढ़ की बहनों ने उनके गीतों का आनंद लिया और तीजहारिन महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री भी खुद को थिरकने से रोक नहीं सके.
हरेली के बाद छत्तीसगढ़ के पारम्परिक त्यौहारों ‘पोरा-तीजा‘ को व्यापक स्तर पर मनाने के लिए मुख्यमंत्री के रायपुर स्थित निवास में विशेष इंतजाम किए गए थे। छत्तीसगढ़ की परम्परा और रीति-रिवाज के अनुसार साज-सज्जा स्थानीय खेलों का आयोजन किया गया और सवाल जवाब भी किए गए, इसके बाद स्थानीय कलाकारों और नर्तक दलों की प्रस्तुति ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा बिखेर दी।
इस मौके पर गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू,अनुसूचित जाति एवं आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, राज्यसभा सांसद श्री के टी एस तुलसी, श्रीमती रंजीता रंजन, श्रीमती फूलो देवी नेताम, खैरागढ़ संगीत विश्व विद्यालय की कुलपति श्रीमती ममता चंद्राकर, पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा सहित समस्त जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।
पोरा-तीजा तिहार में रंग-बिरंगे परिधानों में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में महिलाएं मुख्यमंत्री निवास पहुंची थीं। मुख्यमंत्री निवास में तीज मनाने आयी महिलाओं के लिए श्रृंगार की व्यवस्था भी की गई थी। महिलाओं के लिए मेंहदी, आलता लगाने के साथ ही रंग-बिरंगी चूड़ियों की व्यवस्था भी थी। महिलाओं ने इस अवसर पर आयोजित जलेबी दौड़, मटकी डांस, कबड्डी सहित अनेक खेलों में बड़े ही उत्साह से हिस्सा लिया।
पोरा-तीजा तिहार के अवसर पर भगवान शिव और नंदी-बैल की पूजा की गई। तीजा महोत्सव के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से बहनों को यहां आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर बहनों द्वारा करूभात खाने की रस्म पूरी की गई।