Home छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने और संरक्षित करने का कार्य किया: CM भूपेश

सरकार ने आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने और संरक्षित करने का कार्य किया: CM भूपेश

by Surendra Tripathi

रायपुर -हमारी सरकार ने आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने और संरक्षित करने का कार्य किया है। छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के साथ ही हमने आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए कार्य किए। आदिवासी हितों के लिए ऐसे कार्य किए गए जो राज्य बनने के बीस वर्षाें में नहीं हुए। हमारी सरकार ने पेसा कानून को पूरी तरह क्रियान्वित करने के लिए नियम बनाए और यह खुशी की बात है कि 08 अगस्त को इसका प्रकाशन छत्तीसढ़ राजपत्र में भी हो गया है। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही। विभिन्न जिले इस कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। मुख्यमंत्री ने सम्बोधित करते हुए सबसे पहले विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मां दंतेश्वरी और बूढ़ा देव की पूजा अर्चना कर किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रकाशित आदि विद्रोह एवं अन्य पुस्तिकाओं का विमोचन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अचानकमार टाईगर रिजर्व जिला मुंगेली के पांच गांवों महमाई, बाबूटोला, बम्हनी, कटामी, मंजूरहा, सीतानदी टाइगर रिजर्व धमतरी के ग्राम लिखमा, बिनयाडीह, मैनपुर, उदंती टाइगर रिजर्व जिला गरियाबंद के ग्राम कुल्हाड़ीघाट, कठवा को को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगी। गांवों के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का भी उन्हें अधिकार होगा। पेसा कानून पहले से था, इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था, लेकिन अब नियम बन जाने से वे अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने समुदायिक अधिकार मान्यता पत्र और व्यक्तिगत मान्यता पत्र का वितरण किया है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्र के तहत आदिवासियों और वन क्षेत्रों के परंपरागत निवासियों को दी गई भूमि के विकास और उपयोग तथा उनके अधिकारों के संबंध में गांव-गांव में ग्राम सभाओं के माध्यम से 15 अगस्त से 26 जनवरी तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिससे वे वनों के संरक्षण और विकास में बेहतर योगदान देने के साथ वनोपजों के संग्रहण और वैल्यू एडिशन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एकलव्य आदिवासी विद्यालय के अनुसूचित जनजाति के मेधावी बच्चों का सम्मान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव तथा श्री शिशुपाल सिंह सोरी, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री भानुप्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति के के सचिव श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।

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