बालोद-
सहायक खनि अधिकारी प्रवीण चन्द्राकर ने बताया कि डौण्डी तहसील के ग्राम पंचायत धोबेदण्ड के आश्रित ग्राम दर्राटोला में अवैध मुरूम खनन की जानकारी मिलने पर उक्त संबंध में खनिज अमले द्वारा जाॅच की गई। मौके की जाॅच ग्राम पंचायत धोबेदण्ड के आश्रित ग्राम दर्राटोला के सरपंच एवं ग्रामीणों के समक्ष की गई। जिसमें बताया गया कि ग्राम पंचायत धोबेदण्ड के आश्रित ग्राम दर्राटोला अंतर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा मुरूम उत्खनन, परिवहन नहीं किया गया है और ना ही किसी व्यक्ति को प्रस्ताव दिया गया है। ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत अंतर्गत कहीं भी मुरूम का अवैध उत्खनन नहीं हुआ है।
सहायक खनि अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल 16 मुरूम परिवहन की अनुमति दी गई है। जिसमें से 03 मुरूम परिवहन की अनुमति डौण्डी ब्लाॅक अंतर्गत ग्राम सुवरबोड़, ग्राम पथराटोला एवं ग्राम दानीटोला में दी गई है। उन्होंने बताया कि जिले में विगत एक वर्ष में खनिज मुरूम के अवैध परिवहन में ही कुल 23 प्रकरण दर्ज कर 05,29,310 रूपए अर्थदण्ड वसूल किया गया है एवं मुरूम के अवैध उत्खनन प्रकरण में कुल 15 प्रकरण दर्ज कर 15,22,670 रूपए अर्थदण्ड वसूल किया गया है। उन्होंने बताया कि डौण्डी ब्लाॅक के ग्राम कारूटोला अंतर्गत मुरूम के अवैध उत्खनन पर 67,100 रूपए का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है।
सहायक खनि अधिकारी ने बताया कि डौण्डी तहसील के ग्राम सिंघनवाही में क्षेत्र का मौका जाॅच खनिज अमले के द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि मौका जाॅच में रेत का अवैध उत्खनन होना नहीं पाया गया। उक्त संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच से जानकारी ली गई। सरपंच ने बताया कि पूर्व में ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु रेत का उपयोग किया गया है। वर्तमान में खदान बंद है। सहायक खनिज अधिकारी ने बताया कि जिले में किसी भी क्षेत्र में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन करते पाए जाने पर खनिज विभाग द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है।
सहायक खनि अधिकारी ने बताया कि गुण्डरदेही तहसील के ग्राम पेण्ड्री में अवैध मुरूम खनन की जानकारी मिलने पर उक्त संबंध में खनिज अमले द्वारा जाॅच की गई। मौका जाॅच में किसान श्री महेश लोधी ने बताया कि उसने खेत के एक हिस्से में गन्ने की फसल की बोआई की है। चूंकि आसपास के लोग अपनी जमीन को गहरी एवं समतलीकरण करवा चुके हैं। इस कारण मेरे खेत तक आने का रास्ता भी बंद हो गया है। इसलिए अपने गन्ने की फसल के बाद बचे हुए हिस्से में ग्राम पंचायत बोरगहन से अनापत्ति प्राप्त कर रास्ता बनाकर अपना दैनिक कार्य कर रहा है। जो मुरूम मिट्टी रास्ता बनाने से निकला था, उसको गांव के खेत में पाटा गया है और गांव के ही किसानों को दिया गया है, कहीं भी विक्रय नहीं किया गया है।