रायपुर-
छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एम. के. राउत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का समय पर अनुपालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण तीन जनसूचना अधिकारी को 25-25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित किया है। मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को यह भी निर्देश दिए हैं कि जांच कर दोषी पाये जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। उन्होंने जनसूचना अधिकारियों को अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने कहा है।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने कहा है कि सूचना व्यक्ति के जीने और संघर्ष करने की सामर्थ को बढ़ाती है। जो सूचना दे रहा है उसमें सहयोग पारदर्शिता और संयम को विकसित करती है। केन्द्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त पंचायतीराज सरथाएं, स्थानीय शासन तथा गैर-सरकारी संगठन जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान प्राप्त होता है, इस कानून में शामिल किया गया है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में जानकारी के लिए यह अधिनियम मील का पत्थर साबित हो रहा है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विनोद दास बसना ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलेमाल जनपद पंचायत पिथौरा जिला महासमुंद को 19 जुलाई 2018 को आवेदन कर एक अपै्रल 2017 से 31 मार्च 2018 तक ग्राम पंचायत बिलेमाल में 14वें वित आयोग के तहत व्यय एवं भुगतान किए गए सभी बिल व्हाउचर और रोकड़ बही की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी। किन्तु जनसूचना अधिकारी बिजेमाल ने नियत समय पर आवेदक को कोई जानाकरी उपलबध नहीं कराई, जिससे व्यथित होकर आवेदक ने प्रथम अपील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा 13 सितंबर 2018 को आवेदन किया, जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 02 नवंबर 2018 को निर्णय दिया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश का पालन जनसूचना अधिकारी ने नहीं किया गया और न ही अपीलार्थी को जानकारी दिया गया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आवेदक ने द्वितीय अपील आयोग में किया।