रायपुर- मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम सन् 1857 की लड़ाई में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, मंगल पाण्डे का नाम प्रथम पंक्ति में आता है। सन 1857 वीरांगना अवंती बाई लोधी ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। सम्बलपुर में यह सभा वीरांगना रानी अवंती बाई अदम्य साहस और बलिदान को याद करने और उन्हें नमन करने के लिए आयोजित की गई है। रानी अवंती बाई लोधी महारानी लक्ष्मी बाई रानी दुर्गावती जैसी अनेक वीरांगनाएं स्त्रियों की शक्ति, साहस और क्षमता के प्रतीक है। महिलाएं जब भी अपने अधिकारों को पाने की जिद के साथ आगे बढ़ी है, तब-तब उन्होंने इतिहास रचा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के वीर सपूत शहीद वीरनारायण सिंह, गैंद सिंह नायक, गुण्डाधूर ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। 17-18वीं शताब्दी में महिलाओं को घर से बाहर निकलना, युद्ध में भाग लेना साधारण बात नहीं थी। रानी अवंती बाई ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। ऐसे वीरांगना को हम शत-शत नमन करते हैं।
वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी के नाम पर महिला सशक्तिकरण पुरस्कार दिए जाने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की
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