नई दिल्ली- भारतीय लोक प्रशासन संस्थान की संचार सलाहकार सुश्री राखी बख्शी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित *हिंदी कार्यशाला* को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यालयों में महिलाओं से बेहतर ‘मल्टी टास्कर’ कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में महिलाओं ने जिस तरह से अपनी क्षमता का परिचय दिया है, वो सभी के लिए मिसाल है। इस अवसर पर आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं सहायक संपादक *डॉ. पवन कौंडल* भी उपस्थित थे।
सुश्री बख्शी ने कहा कि हम सभी को अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए। हमें हिंदी को किसी हीनभावना से नहीं, बल्कि सम्मान की भावना के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हिंदी बहुत ही व्यापक हो गई है। फेसबुक और लिंक्डइन जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब हिंदी में काम कर रहे हैं। यह हिंदी के बढ़ते प्रभाव और शक्ति का प्रतीक है।
महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करते हुए सुश्री बख्शी ने कहा कि महिलाओं को स्वयं को सक्षम बनाना चाहिए। यदि वे सक्षम होंगी, तभी वे दूसरों को सक्षम बना पाएंगी। महिलाओं के लिए शिक्षा बेहद आवश्यक है, क्योंकि शिक्षा से ही विवेक आता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सभी स्थितियों को डटकर सामना करना चाहिए।
इस मौके पर आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह ने कहा कि महिलाएं पहले अंग्रेजी को ही प्राथमिकता देती थी। उन्हें लगता था कि अंग्रेजी से ही तरक्की होती है, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। हिंदी पत्रकारिता में महिलाएं अपनी प्रतिभा के दम पर शीर्ष पदों तक पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से आईआईएमसी महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हिंदी में अधिक से अधिक कामकाज करने के लिए प्रेरित करना चाहता है।
कार्यक्रम का संचालन आईआईएमसी की छात्र संपर्क अधिकारी *डॉ. विष्णुप्रिया पांडेय* ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन परामर्शदाता (राजभाषा) *श्रीमती रीता कपूर* ने किया।