रायपुर-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस‘ आयोजित राज्य स्तरीय वेबीनार में कहा कि वास्तव में अक्षर ज्ञान वह पहला द्वार है, जहां से भविष्य के अनंत रास्ते खुलते हैं। साक्षरता से शिक्षा और शिक्षा से विकास का सीधा संबंध है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रदेश में साक्षरता के वर्तमान सोपान पर गर्व करने का है तो लगभग एक चौथाई आबादी को साक्षर बनाने के बारे में चिंतन और प्रण करने का भी है। इसके लिए व्यक्तिगत रूचि और सामूहिक प्रयासों की बड़ी आवश्यकता है। व्यापक जनभागीदारी से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। राज्य स्तरीय वेबीनार के माध्यम से प्रदेश के जिलों में उत्कृष्ट स्वयंसेवी शिक्षकों का आखर सम्मान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पढ़ना-लिखना अभियान को सफलता के साथ अमल में लाया गया है, जिसके तहत् पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों की फोटो बहेबीववसण्पद पोर्टल में अपलोड कर, असाक्षरों के लिए मोहल्ला साक्षरता कक्षा का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि माह के अंत में हमारे प्रदेश में ढाई लाख असाक्षर, एक महापरीक्षा में शामिल होंगे। इसके पश्चात न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (नवभारत साक्षरता कार्यक्रम) प्रारंभ किया जाएगा। जिसमें बुनियादी साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, बुनियादी शिक्षा, व्यवसायिक कौशल, जीवन कौशल व सतत् शिक्षा आदि विषयों को सिखाया जाएगा। इन मापदंडों को ध्यान में रखते हुए राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा पठन-पाठन सामग्री तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां असाक्षरों के लिए विभिन्न विषयों में वीडियो व पीएलए ऐप भी बनाया गया है।