दुर्ग / दुर्ग जिले के कई किसान करोड़ो रूपये ठगी के शिकार हुए । गुड़गांव हरियाणा की प्राइवेट कंपनी *फीस फॉर्चून प्रोड्यूसर कंपनी* के द्वारा की मछली पालन के नाम पर किसानों को पहले तो बहुत से सब्जबाग दिखाएं जिसमें प्रतिमा 70000 से लाख रुपए तक कमाई होगी एवं अपनी बात को सत्य दिखाने के लिए जिले के ही कुछ किसानों से मिलवा गया और कहा कि यह वह किसान है जिनके खाते में प्रतिमा रहा आ रहा हैं और हमारी योजना का लाभ उठा रहे हैं कहकर उनका बैंक कौन भी दिखाया गया जिसमें 10000/- ,15000/- हजार एक दो महीने कंपनी द्वारा क्रेडिट हुए थे । यह सब देख कर जिले के भोले भाले किसान उनके झांसे में आ गए एवं कंपनी की स्कीम अनुसार 500000/- ,1100000/- एवं 2500000/- रुपये का प्लान बनाया गया था । जिसमें जिले के कुछ किसानों ने आरटीजीएस एवं चेक के माध्यम से कंपनी को रकम अदा किया गया ऐसा कह कर उनसे किसी किसान से 500000 प्रत्येक किसान एवं किसी किसान से 11 लाख किसी किसान से 25 लाख तक इन्वेस्ट कराएं । तदुपरांत कुछ किसानों के खेत में तलाब के नाम गड्ढा बनाकर बाकी किसान को भी अपने झांसे में लिया गया । यह फ्रॉड पहले लॉकडाउन में सन 2020 के आसपासशुरू हुआ एवं कारोन की दूसरी लहर आने के पहले पहले कंपनी ने अपने ब्रांच ऑफिस दुर्ग से अपना कारोबार समेट कर रख लेकर फरार हो गई ।
जब किसानों द्वारा कंपनी के दिए गए नंबर पर संपर्क किया गया तो केवल उन्हें आश्वासन ही मिलता रहा कि आपका पैसा हम वापस कर देंगे यह कहकर तरह-तरह के बहाने करते रहे आपको बता दें की किसान हताश होकर हो गए हो गए क्योंकि कुछ किसानों के खेत में कंपनी ने तालाब खुद दिए है जिस पर ना तो मछली के बीज डालें । अब किसानों के सामने रोजी रोटी का सवाल उत्पन्न हो गया है क्योंकि किसान ना अपनी जमीन पर मछली पाल पा रहे हैं ना ही खेती किसानी कर पा रहे हैं जिन जिस वजह से उनके सामने अपना पेट एवं पूरा परिवार का पेट जाना मुश्किल हो गया है । किसानों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन पुलिस विभाग एवं प्रदेश के कृषि मंत्री एवं गृहमंत्री से भी किया है एवं छत्तीसगढ़ में यह मामला अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के उपाध्यक्ष एवं लीगल एडवाइजर यामिनी बघेल के संज्ञान में आने और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष को इस मामले से अवगत कराया प्रदेश अध्यक्ष आदित्य चंद्राकर ने इसे प्रदेश स्तर पर किसानों में जागरूकता लाने के लिए एक मुहिम चलाने का निर्णय लिया कि और कोई भी प्रदेश के किसान इस तरह के फ्रॉड कंपनी के शिकार ना हो लीगल एडवाइजर यामिनी बघेल के द्वारा जिले के कलेक्टर को भी किसानों के हुए फ्राड की लिखित सूचना दी है
मीडिया से बात करते हुए कुछ किसानों ने यहां तक बताया कि वे ये पैसे वह अपने बच्चों की शादी विवाह के लिए रखे थे एवं कुछ किसानों ने बताया कि बच्चों की शिक्षा के लिए अपने आय से बचा कर रखे थे परंतु उनके साथ हुई ठगी की वजह से ना ही वह अपने बेटी की शादी कर सकते ना ही अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिला सकते हैं । एक महिला किसान ने हमें बताया की उनके पति ने भी पैसा लगाया था कारोन से उनकी मृत्यु हो चुकी है मेरे दो छोटे-छटे बच्चे हैं अब इनका लालन पोषण मैं किस तरह कर पाऊंगी मुझे समझ नहीं आ रहा है यह कहते कहते उनकी आंखें छलक गई ।
आप को बता दे की सुबह के मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री दुर्ग जिले से ही हैं फिर भी किसानों की आवाज कोई सुनने वाला नहीं है राज्य की कांग्रेस सरकार जो किसानों के प्रति अपनी तमाम योजनाओं का खूब प्रचार-प्रसार करने में लगी है वही अपने गृह जिले के किसानों के साथ हुए फ्रॉड पर चुप्पी साधे हैं ना ही उन किसानों की बात शासन-प्रशासन सुन रही है ना ही कोई कार्रवाई करते हुए दिख रहा हैं , किसानों के सामने अब जीविका चलाने का सवाल उत्पन्न हो गया है कारोन काल में ऐसे भी किसानों की दशा या कह पूरे देश की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है लगातार हर चीजों का चाहे डीजल पेट्रोल हो या खेती किसानी संबंधित सामग्री हो सभी के दाम बढ़ चुके हैं इस दोहरी मार से किसान एवं आम जनता पहले ही दो-चार हो रही है उसके बाद किसानों के साथ हुए फ्रॉड ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है अब देखना है की राज्य सरकार इन किसानों को किस तरह नया दिलाती है ।
दुर्ग जिले सहित छत्तीसगढ़ राज्य के कई किसान करोड़ो रूपये ठगी के हुए शिकार
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