Home खास खबर दुर्ग भिलाई होटल लॉज बना अघोषित रूप से जिस्मफरोशी का गढ़

दुर्ग भिलाई होटल लॉज बना अघोषित रूप से जिस्मफरोशी का गढ़

by admin

भिलाई / दुर्ग जिला अघोषित रूप से वेश्यालय में तब्दील हो गया है। यहां जितने भी लॉज और होटल है उसमें 95 प्रतिशत होटल और लॉज केवल जिस्मफरोशी के धंधा पर ही जीवित है। इसमें सबसे अधिक होटल लॉज दुर्ग शहरी क्षेत्र सहित भिलाई के सुपेला और छावनी थाना क्षेत्र में है। इन सभी 95 प्रतिशत होटलों में जिस्मफरोशी का धंधा पिछले दो तीन सालों से जम कर चल रहा है या यूं कहे तो कोई अतिशियोक्ति नही होगी की होटलों के संचालक ही इस कार्य को पैसा लेकर अंजाम देते है और दो- दो, तीन तीन घंटा के लिए 7 सौ से एक हजार रूपये तक लेकर रूम उपलब्ध करवाते हैं। पुलिस शिकायत के बाद भी कार्यवाही नही करती, कभी करती भी है तो केवल खानापूति के नाम पर छापा मारकर अपनी इतिश्री पूरी कर लेती है। कुछ राज नेता होटल संचालकों से दलाली खाते है और कोई उन्हें परेशान ना करे उसका सेटिंग करवाने का काम करते हैं। इसी बल पर होटल संचालक सीधा कहते हैं कि पुलिस हमारा कुछ नही बिगाडेगी सब सेटिंग है। यहां तक कि होटल के संचालक एवं स्टाफ स्वयं ही अपने यहां कई कई लड़कियों को जिस्मफरोशी का धंधा करवाने के लिए रखे हुए है, और पूछने पर साफ कहा जाता है कि यहां काम करने वाली वर्कर है। जिले में लॉककडाउन के समय भी लॉकडाउन के नियमों को उल्लंघन कर अपने होटल के सामने के भाग को लॉक कर सुपेला, पॉवर हाउस सहित अन्य जगहों के होटल वालों द्वारा पिछले दरवाजे से कपल्स को अंदर घुसाकर जिस्मफरोशी का धंधा करवाने का कार्य करते रहे और करोनो पॉजेटिव लोगों की संख्या बढाने में मदद करते रहे।  लेकिन पुलिस और निगम अधिकारी कर्मचारी केवल आम लोगों को मास्क, सोशल डिस्टेेंशग के नाम पर जमकर कार्यवाही कर रूपये उगाही करते रहे पर शिकायत के बाद भी होटलों में छापा मारकर कार्यवाही करने की जेहमत नही उठाये क्योंकि होटलों में जिस्म फरोशी का धंधा करवाने के एवज में पुलिस को होटल के संचालक हर महिने मोटी करम देकर उसका मुंह बंद कर देते हैं। थाने में जब भी नये थानेदार आते हैं तब तब चढावा का दर बढता जाता है इसके कारण होटल वाले भी बेधड़क बिना भय के जिस्मफरोशी का धंधा खुलेआम करवाने का कार्य करते हैं। लोगों द्वारा पुलिस से शिकायत के बाद भी होटलों में पुलिस छापा नही मारती और मारती भी है तो जिस्मफरोशी करने और करवाने वालों को पकड़कर कुछ दूर लेजाकर छोड़ देती है, इस घटना की जनकारी मिलने पर जब पत्रकारों द्वारा थानों में घटना के बारे में जानकारी मांगी जाती है तो छापा मारने से ही साफ इंकार कर देती है।
लोगों का पुलिस से हटा विश्वास, पुलिस वाले स्वयं बता देते है शिकायतकर्ता का नाम
नये एसपी प्रशांत अग्रवाल यहां तक कहते है कि पुलिस और जनता के बीच संवाद बढाया जायेगा ताकि आम जनता पुलिस को होने वाले अपराध और अपराधियों की जानकारी देगी और नाम गुप्त रखा जायेगा लेकिन यहां तो उनके मातहत कार्य करने वाले पुलिस के अधिकारी कर्मचारी ही होटल संचालकों को शिकायत करने वाले का नाम बता देते हैं, उसके बाद होटल संचालकों द्वारा शिकायतकर्ताओं को धमकाया जाता है। ऐसे में आम जनता या मुखबीर अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने क्षेत्रों में होने वाले अपराधों और अन्य गलत कृत्यों की जानकारी क्यों देगा। आज सभी को इस बात की जानकारी है कि पुलिस और अपराधियों में अच्छी सेटिंग है और पुलिस विभाग में भी नशा के शौकिन कर्मचारी अपराधियों के साथ ही बैठकर बिरयानी खाने और शराब का सेवन भी करते कई बार देखे गये है।

कार्यवाही से बचने ओयो को भी करते हैं बदनाम
एक साल के लिए परमिशन लेकर बोर्ड लगा वर्षों करते है उसका उपयोग
ओयो कंपनी द्वारा होटल और लॉज में बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है जिसे आनलाईन करवाया जाता है। इसके लिए होटल और लॉज संचालकों द्वारा ओयो में रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है, और ओयो कंपनी द्वारा अपनी वेबसाईट में सभी जिलों के सभी स्थानों के होटलो और लॉज के बारे में डिटेल व सभी प्रकार के रूम का किराया दर्शाया जाता है। लोगों द्वारा बुकिंग करवाने के बाद ओयो में आनलाईन राशि भेजने के पश्चात ओयो द्वारा उसी में से होटल संचालकों को उनके द्वारा पूर्व निर्धारित राशि उनके खाते में ट्रांसफर किया जाता है। होटल व लॉज वाले इनते शातिर है कि प्रशासन की कार्यवाही से बचने होटल वाले एक दो साल के लिए आयो में रजिस्ट्रेशन करवाते है, और उसका बोर्ड लगा लेते है, साल दो साल बाद ओयो का परमीशन खत्म हो जाने के बाद भी उसी बोर्ड का उपयोग करते है, और जब कोई पूछताछ करने आता है तो सीधा कहते है कि हमारा कुछ नही बुकिंग पूरा ओयो करता है। इस मामले का खुलास तब हुआ जब शहर के कुछ उन होटलों जो अधिक जिस्मफरोशी का ध्ंाधा करवाते है और ओयो को बदनाम करते है, जब उन होटलों के संबंध में ओयो से जानकारी ली गई तो ओयो वालों ने बताया कि इन होटलो का परमीशन तो डेढ और दो साल पहले ही समाप्त हो चुका है। हमारे द्वारा इन होटलों में रूम बुङ्क्षकग परमीशन और रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद नही किया जाता है जबकि परमीशन समाप्ति के बाद ये होटल संचालक स्वयं लोगों को कमरा बुक करते है और दो दो, तीन घंटा के लिए कमरा उलब्ध करवाकर सात सौ से डेढ दो हजार रूपये लोगों से वसूलते हैं और ओयो को बदनाम करते हैं।

शादी का झांसा देकर लड़कियों के साथ लडके ऐसे ही होटलो व लॉजों में करते है दुष्कर्म
आज कल लड्कों द्वारा लड़्कियों को शादी का झांसा देकर उनके साथ दुष्कर्म भी लड़के ऐसेे ही होटलों और लॉज में लेजाकर करते हैऔर बाद में शादी करने से इंकार कर देते है, इसका खुलासा भी दुष्कर्म के कई मामलों में भिलाई के एक बदनाम होटल का नाम कई बार आ चुका है।
नये एसपी से लोगों को आस
जिले में नवपदस्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल से लोग ये आश लगाकर बैठे हैं कि भिलाई दुर्ग सहित जिले में होने के होटलों में होने वाले जिस्मफरोशी के धंधे सहित अभी प्रकार के अवैध और गलत कार्य करने वालों पर कार्यवाही कर अंकुश लगायेंगे और इसके साथ ही अपने मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों को यहां होने वाले गलत कार्यों और अपराधों तथा अपराधियों की जानकारी देने वाले लोगों का नाम गुप्त रखा जायेगा और शिकायतकर्ताओं का नाम गलत कार्य करने वाले लोगों से बताने पर एसपी अग्रवाल बड़ी कार्यवाही करेेंगे।

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