बिलासपुर । मस्तूरी के लावर भोथीडीह ग्राम पंचायत में शुक्रवार को गुहा निषाद और बिलासा जयंती का आयोजन हुआ। गुहा निषाद जयंती पर पूजा-पाठ कर समाज के चबूतरा एवं शेड निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया। जनपद अध्यक्ष नितेश सिंह की निधि से यह निर्माण कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ का गुहा निषाद समाज प्रदेश का कर्मठ समाज है। पूर्वकाल से ही इन्हें जल राजा के रूप में जाना जाता है। गुहा निषाद समाज का इतिहास रामायण और महाभारत काल से चला आ रहा है। भगवान श्रीराम को नाव से पार कराने के साथ ही वनवास के समय में पूरे समय उनके साथ रहने का इतिहास है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए निषाद समाज को चुनावी टिकट प्रदान किया था। कुंवर निषाद समाज की ओर से विधायक हैं। उन्होंने कहा कि समाज के किसी भी कार्य के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे। मुख्य अतिथि महापौर रामशरण यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा चकरभाटा एयरपोर्ट का नाम बिलासा दाई केंवटीन के नाम पर रखे जाने की सराहना की।
उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान सीएम से आग्रह किया था कि बिलासा दाई के नाम पर ही बिलासपुर बसा है, इसलिए एयरपोर्ट का नाम भी इन्ही के नाम पर होना चाहिए। इसकी घोषणा तीन जनवरी को की गई। महापौर ने कहा कि पानी के बीच जीवनयापन करने वाले, अपना रोजगार मछली के व्यापार से चलाने वाले समाज का गौरवशाली इतिहास है।
उन्होंने घोषणा की कि समाज द्वारा मुझसे अपेक्षा की गई है कि बिलासपुर नगर निगम के रायपुर की ओर एक बिलासा दाई के नाम पर भव्य द्वार का निर्माण हो और पचरी घाट पर बिलासा म्यूजियम का निर्माण हो, नगर निगम की ओर से प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री को प्रेषित किया जाएगा। विशिष्ट अतिथि जिपं अध्यक्ष अरूण सिंह चैहान ने कहा कि ग्राम पंचायत लावर, भोथीडीह एवं जनपद क्षेत्र के विकास के लिए जो भी मांग मेरे पास आएगी, उसे तत्काल पूरा किया जाएगा। उन्होंने समाज की मांग पर ग्राम पंचायत में द्वार बनाने के लिए राशि देने की घोषणा की और जिला पंचायत मछुवारा समाज द्वारा बनाई गई योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में सभापति शेख नजरूद्दीन, अभय नारायण राय के अलावा परस कैवर्त, बद्री कैवर्त और छेदीलाल कैवर्त ने भी संबोधित किया और बिलासा दाई के इतिहास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता लखन टंडन, कल्याण सिंह, भरत जुरयानी आदि मौजूद थे।
गुहा निषाद और बिलासा जयंती का आयोजन
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