Home छत्तीसगढ़ आयोग की जनसुनवाई में आदिवासी भू-स्वामियों एवं सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के बीच मध्यस्थता

आयोग की जनसुनवाई में आदिवासी भू-स्वामियों एवं सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के बीच मध्यस्थता

by admin

बलौदा बाजार :   छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा दिनांक 13 से 15 जनवरी को बलौदा बाजार जिले के जिला पंचायत सभा कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक और जनसुनवाई में विभिन्न मामलों की सुनवाई की गई। इस अवसर पर आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान, सदस्य नितिन पोटाई, सचिव एचके सिंह उइके , निज सचिव जय सिंह राज, निज सहायक संदीप कुमार नेताम, एसडीएम बलोदा बाजार महेश सिंह राजपूत, एसडीएम सिमगा डीआर रात्रे, तहसीलदार गौतम सिंह और विभिन्न सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के अधिकारी एवं उनके वकील जनसुनवाई में उपस्थित थे।
आयोग द्वारा पिछले 30 वर्षों से आदिवासी भू स्वामियों एवं विभिन्न सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के मध्य विवादित भूमि से संबंधित मामलों की सुनवाई हेतु मंच एवं मध्यस्थता प्रदान करने हेतु इस तीन दिवसीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इसमें भारी संख्या में पीड़ित आदिवासी अपनी शिकायतों को लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे । इसके अलावा वे मामले जिन पर पूर्व निर्धारित आयोग की सुनवाई की जानी थी का विचारण किया गया। आयोग के 4 माह के कार्यकाल में आयोग द्वारा वर्षों से अनसुलझे आदिवासियों से संबंधित मामलों पर महत्वपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। आयोग के समक्ष ऐसे कई मामले आ रहे हैं जिनका संबंध पुलिस विभाग , राजस्व विभाग, वन विभाग आदि अन्य शासकीय विभागों से है, जिसमें आयोग के द्वारा संबंधित जिले में आयोग की जनसुनवाई कर संबंधित विभाग के जिलाधिकारियों को आयोग के समक्ष उपस्थित करा कर मामले का निपटारा करने हेतु महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया जा रहा है।
जनसुनवाई में पहुंचे एक मामले जिसमें आवेदक बजरंगी ध्रव जिसकी 5 एकड़ की जमीन को अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री द्वारा अधिग्रहण में लिया था और जिस पर भूस्वामी एवं सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के मध्य पिछले 30 वर्षों से विवाद चल रहा था जिनका विभिन्न न्यायालयों में विचारण किया जाकर आदेश पारित किया गया है लेकिन फिर भी पीड़ित पक्ष और अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के मध्य विवाद की स्थिति बनी हुई है। प्रकरण में बजरंगी ध्रुव के नाती नरेश ध्रंव आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और आयोग के सचिव उइके ने बताया कि जिन मामलों में सत्र न्यायालय में विचारण करने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा आदेश जारी किया जा चुका है अथवा वे मामले जिनमें माननीय उच्च न्यायालय मैं प्रकरण लंबित है आयोग द्वारा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है परंतु फिर भी आदिवासी हित में आयोग द्वारा दोनों पक्षों के मध्य समझौता कराने हेतु मध्यस्थता की जा सकती है इस शर्त पर यदि दोनों पक्ष यह शपथ पत्र दे की उनके द्वारा माननीय न्यायालय के आदेशों के अनुरूप कार्य किया जाएगा एवं जिन न्यायालयों में मामले लंबित है वहां से उनके द्वारा मामले वापिस लिए जाएंगे। नरेश ध्रुव एवं अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के लीगल सलाहकार द्वारा समझौता किए जाने एवं आयोग की मध्यस्थता में मामले का विचारण किए जाने हेतु अपनी सहमति व्यक्त की गई। इससे वर्षों से विवादित मामलों के निपटारे की महत्वपूर्ण पहल आयोग द्वारा की गई है।
जनसुनवाई में आये एक अन्य प्रकरण में श्रीराम धुव्र निवासी बलोदा बाजार द्वारा आयोग के समक्ष निवेदन किया गया था कि वह परिषद लाहोद में अध्यक्ष के पद पर वर्ष 2012 से 2017 तक पदस्थ था और उसे अध्यक्ष पद का संपूर्ण प्रभार अनावेदक गणेश राम ध्रुव निवासी खटियापाटी को सौंपकर संपूर्ण जिम्मेदारी दे दी गई थी परंतु अनावेदक द्वारा विभिन्न आरोप लगाकर आवेदक को अकारण ही समाज से बहिष्कृत करने हेतु समाज के लोगों पर दबाव बनाने तथा रिश्तेदारों को भी आवेदक से संबंध रखने से मना कर मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस प्रकरण पर विचरण करते हुए आयोग द्वारा बलौदा बाजार जिले के आदिवासी समाज की महासभा को 31 जनवरी तक का समय दिया जाकर समाज के मध्य ही विवाद का निपटारा किए जाने हेतु निर्देश दिया गया। यदि इसके उपरांत भी विवाद की स्थिति बनती है तो आयोग द्वारा जो निर्णय लिया जाएगा उसे दोनों पक्षों को मानना पड़ेगा। इस हेतु भी दोनों पक्षों द्वारा आयोग के निर्णय को मानने हेतु अपनी सहमति व्यक्त की गई। इस प्रकार से आयोग के मध्य आदिवासी वर्ग के व्यक्ति की भूमि से संबंधित, मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना से संबंधित, आदिवासी किसान परिवार को नौकरी एवं जमीन दिलाने से संबंधित, आदिवासी स्वामित्व की भूमि पर अवैध कब्जा कर बेदखल करने संबंधित एवं मुआवजा से संबंधित मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इस अवसर पर आयोग के सदस्य नितिन पोटाई द्वारा पिछले 4 माह से आयोग की गतिविधियों के कारण आदिवासी वर्ग को पहुंचने वाले लाभ एवं आयोग की प्रगति से लोगों को अवगत कराया। वही आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान ने कहा कि आयोग आप के हितों के लिए आज यहां जनसुनवाई कर रहा है और निश्चित ही पिछले कई वर्षों से जो मामले लंबित हैं उन्हें सुलझाया जाएगा इसके अलावा और जो मामले आयोग के समक्ष आएंगे उसके लिए भी आयोग फिर जन सुनवाई करते हुए मामले का निपटारा किया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत के अध्यक्ष राकेश वर्मा एवं सदस्य परमेश्वर यदु भी उपस्थित थे। उनके द्वारा भी आयोग की कार्यवाही की सराहना की गई। आयोग की जनसुनवाई के पश्चात आयोग की पूरी टीम बलौदा बाजार नगर निगम क्षेत्र से बाहर विस्थापित किए गए सवरा समाज के लोगों से जाकर मुलाकात कि गई और उनकी समस्याओं को सुना गया। आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य एवं सचिव द्वारा उनके अव्यवस्थित विस्थापन हेतु जो भी अधिकारी जिम्मेदार है उनके ऊपर कार्यवाही किए जाने की बात की गई। इस अवसर पर आदिवासी समाज की ओर से आर एन धुव्र, अध्यक्ष जनजाति सेवक संघ, जनक धु्रव, डॉ. एल एस धु्रव, संरक्षक, जनजाति सेवक संघ, भूपेंद्र धु्रवंशी सर्व आदिवासी समाज, रामायण धुव्र, भानु धुव्र, कमलेश धुव्र आदि अन्य सामाजिक नेता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

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