Home छत्तीसगढ़ कोरोना नियंत्रण को लेकर बरतें पूरी सजगता

कोरोना नियंत्रण को लेकर बरतें पूरी सजगता

by admin

रिकवरी रेट अधिकतम हो इस पर रहे फोकस वैक्सिनेशन के संबंध में भी की चर्चा

दुर्ग / कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले में कोरोना कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम के संबंध में रिकवरी रेट और बेहतर करने बाबत स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना से हो रही मौतें को रोकना एक बड़ी चुनौती है। हमें और अधिक सतर्कता और गंभीरता पूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने जनवरी माह में हुई मौत के आंकड़े को संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। कलेक्टर ने जिले में कोराना के नियंत्रण के लिए बनाए गए कोविड अस्पताल श्री शंकराचार्य मेडिकल काॅलेज एवं सेक्टर 9 हाॅस्पिटल भिलाई के चिकित्सकों एवं प्रबंधकों की एक बार पुनः आवश्यक प्रशिक्षण कराने के साथ ही चिकित्सकीय प्रबंधन में सुधार लाने कहा है जिससे कोरोना के बढ़ते संक्रमण और उपचार के लिए किए जा रहे उपायों पर और अधिक गंभीरता पूर्वक प्रभावी रूप से कार्य किया जा सके।
कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के चिकित्सकीय प्रबंधन, नामित चिकित्सक के साथ-साथ कोरोना नियंत्रण के कार्य में लगे स्टाॅफ का भी पुनः एक बार फिर से प्रशिक्षण सुनिश्चित करने कहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देशित किया है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों के उपचार में कोई भी चूक न हो। उपचार में कमी या लापरवाही से मौत हो, ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कोरोना नियंत्रण के लिए लगे सभी चिकित्सकों एवं नर्सों को मरीजों के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करने कहा। कलेक्टर ने टेस्टिंग का अनुपात बढ़ाने, लोगों को अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने भी कहा है। इसके साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की आवश्यक माॅनिटरिंग करने, जरूरी दवाइयों का ही सेवन करने और कोरोना नियंत्रण के लिए बनाए गए गाइड लाईन का पूर्णतः पालन करने भी कहा है।
कलेक्टर ने कोविड-19 के लिए 16 जनवरी से शुरू हो रहे वैक्सीनेशन (टीकाकरण) की तैयारी की भी समीक्षा की। जिले को प्राप्त वैक्सीन की जानकारी लेते हुए चिन्हांकित लोगों को वैक्सीनेशन के साथ ही हितग्राहियों पर निगरानी भी रखने कहा है। उल्लेखनीय है कि जिले को लगभग 10 हजार 260 वैक्सीन प्राप्त हुआ है। जिन्हें सरकार की गाइडलाईन और प्रोटोकाॅल के हिसाब से चिन्हांकित लोगों को पहले चरण में लगाया जाएगा।

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