रायपुर : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना सुपोषण अभियान के लगातार बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में कांकेर जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र पखांजूर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। कुपोषित बच्चों को इस केन्द्र में नया जीवन मिल रहा है। ग्राम पंचायत आंकमेटा के आश्रित ग्राम चाकुरकल की कुपोषित बालिका मीनाक्षी कवाची को पोषण पुनर्वास केन्द्र पखांजूर में भर्ती होने के बाद बेहतर देखभाल और संतुलित पौष्टिक आहार से कुपोषण से मुक्त होकर अब हंसी-खुशी अपने घर लौट चुकी है।
पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करते समय मीनाक्षी का वजन 10.38 किलोग्राम था। केन्द्र में समुचित देखरेख, ईलाज और बेहतर खान-पान से मीनाक्षी का वजन 15 दिनों में ही बढ़कर 11.95 किलोग्राम हो गया। पोषण पुर्नवास केन्द्र में इस बालिका को मितानिन के द्वारा भर्ती कराया गया। पोषण पुनर्वास केन्द्र में डॉ. बी.के. सिन्हा एवं फीडिंग डेमोस्ट्रेटर केशरी ठाकुर की देख-रेख में ईलाज किया गया। प्रतिदिन उसका वजन नियमित रूप से मापा गया, इन 15 दिनों में प्रत्येक दिन बालिका की माता को बच्ची के खान-पान और स्वच्छता के बार में समझाईश दी गई।
पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती रहने की अवधि का मीनाक्षी की माता को प्रतिदिन 150 रुपए की दर से 2250 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी गई। अपनी बच्ची के स्वस्थ्य होने पर खुशी का इजहार करते हुए मीनाक्षी कवाची की माता ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति धन्यवाद देते हुए अपना आभार व्यक्त किया और अन्य लोगों से अपने कुपोषित बालक-बालिकाओं को भी पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराने की अपील की।