Home छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने जोगीसार के जैतरणी नाला पर 4.99 करोड़ रुपये की लागत के भू-जल संरक्षण कार्य का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने जोगीसार के जैतरणी नाला पर 4.99 करोड़ रुपये की लागत के भू-जल संरक्षण कार्य का किया लोकार्पण

by admin

रायपुर :  नरवा विकास योजना में 36.53 लाख रुपये से निर्मित स्टाप डेम का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज जांजगीर चांपा जिले से हेलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 1 बजे प्रदेश के नवगठित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की ग्राम पंचायत जोगीसार पहुंचे। उन्होंने यहां कैम्पा मद से नरवा विकास योजना के अंतर्गत जैतरणी नाला पर 36 लाख 53 हजार रुपये की राशि से निर्मित स्टाप डेम का निरीक्षण किया। श्री बघेल नेे इस अवसर पर नरवा विकास योजना के तहत जैतरणी नाला पर ही 4 करोड़ 99 लाख रुपये की राशि के कराए गए भूजल संरक्षण कार्यों का लोकार्पण किया। तत्पश्चात उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधान सभा के अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत तथा राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल मौजूद थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने जैतरणी नाला से लाभान्वित कृषक शोभाराम उरांव, उदय गोड, शंकर गोड, ठाकुर भानू, महेश सिंह राजपूत से चर्चा की। इन कृषकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब से जैतरणी नाला में स्टाप डेम का निर्माण हुआ है तब से नाला में बारह महीने पानी उपलब्ध होने लगा है। पानी उपलब्ध होने के कारण पालतू जानवरों को पानी के लिए भटकना नही पड़ रहा है और न ही जंगली जानवर गांव की ओर आ रहे है । इससे ग्रामीण जन जीवन सुरक्षित है।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि राज्य शासन द्वारा सुराजी गांव योजना नरवा,गरुवा, घुरूवा, बारी के अंतर्गत जल संरक्षण एवं सवंर्धन के कार्यों द्वारा नरवा (छोटे व बड़े नालों) को पुर्नजीवित किया जा रहा है। इससे नरवा में जल की उपलब्धता बढ़ेगी, नरवा के आसपास के क्षेत्रों में भूजल स्तर बढ़ेगा और जमीन में नमी बनी रहेगी इससे कृषि से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। नरवा कार्यक्रम के तहत सतही जल को रोकने का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने नालो के किनारे फलदार और छायादार पौधे लगाने का सुझाव ग्रामीणों को दिया। नाले के किनारे फलदार वृक्ष लगने से जंगली जानवरों के लिए भोजन उपलब्ध होगा। जिसके फलस्वरूप वे गांव की ओर नही आएंगे। इससे जनजीवन सुरक्षित रहेगा। मुख्यमंत्री बघेल ने स्व सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न आय मूलक गतिविधियों जैसे मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, साग सब्जी उत्पादन, मुर्गी-बकरी पालन, बतख पालन से जुड़ने की समझाईश दी । ताकि उनके माध्यम से ग्राम स्वालम्बन का सपना साकार हो सके। मुख्यमंत्री बघेल ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए धान का उत्पादन, विक्रय और भुगतान राशि के सबंध में जानकारी प्राप्त की और उन्होंने जैतरणी नाला के किनारे किनारे साग सब्जी के अलावा छायादार और फलदार पौधे लगाने की बात कही । इस अवसर पर बिलासपुर आईजी रतन लाल डांगी, बिलासपुर वन मंडल के मुख्य वन संरक्षक नावेद, मुख्य वन संरक्षक वाइल्डलाइफ अनिल सोनी, मरवाही वन मंडल के वनमंडलाधिकारी आर के. मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती संगीता करसायल, जनपद सदस्य श्रीमती गुंजन राठौर, सुश्री शहाना बेगम, भान बाई सहित बड़ी संख्या में जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी और ग्रामीण जन उपस्थित थे।

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