भोपाल, शिमला, तिरुवनंतपुरम, कोरोना महामारी के बीच एक और मुसीबत आ गई है बर्ड फ्लू, जिसने देश में पहले से व्याप्त डर को और बढ़ा दिया है. बर्ड फ्लू यानी एवियन इन्फ्लूएंजा उन राज्यों पर दोहरी मार है जो पहले से ही कोरोना से जूझ रहे हैं. गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और केरल को बर्ड फ्लू ने अपनी चपेट में ले लिया है. इन राज्यों में बड़ी संख्या में कौओं और अन्य पक्षी मरे हुए पाए गए हैं.
एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस का एक सबटाइप है जो खास तौर से पक्षियों के जरिये फैलता है. यह बीमारी पक्षियों के बीच बहुत तेजी से फैलती है और अत्यंत घातक हो सकती है. पक्षियों से ये बीमारी इंसानों में भी फैलती है. इस वायरस की पहचान पहली बार 1996 में चीन में की गई थी. एशियाई H5N1 मनुष्यों में पहली बार 1997 में पाया गया जब हांगकांग में एक पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियां संक्रमित हो गई थीं.
केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि जिन इलाकों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौतें हो रही हैं, वहां से सैंपल लेने की जरूरत है. अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लू के लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए अभियान भी शुरू किया है. राज्य सरकारों ने उन क्षेत्रों में कुछ प्रतिबंध लागू करने के भी आदेश दिए हैं जहां पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं. ऐसी जगहों पर एक किलोमीटर के भीतर अगर कोई पोल्ट्री फॉर्म मौजूद है तो उसे भी नष्ट किया जा सकता है.
आइए जानते हैं कि किन राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं और वहां क्या उपाय किए जा रहे हैं:
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के मंदसौर में प्रशासन ने मंगलवार को चिकन और अंडे बेचने वाली दुकानों को 15 दिनों के लिए बंद रखने का आदेश दिया है. यहां कौवों में बर्ड फ्लू का पता चलने के बाद अधिकारी सतर्क हुए और इस बारे में उपाय किए गए हैं. मंदसौर में अब तक 100 कौओं की मौत की खबर है. मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने सोमवार को कहा कि राज्य में 23 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 376 कौओं की मौत हुई है. प्रेम सिंह पटेल ने इंडिया टुडे से कहा, “इंदौर और मंदसौर से मरे पाए गए कौवों के सैंपल भोपाल की लैब में भेजे गए थे और सैंपल में बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हुई है.”
हालांकि, अभी तक किसी पोल्ट्री फॉर्म में पक्षियों के प्रभावित होने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. मध्य प्रदेश के सभी जिलों में पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पोल्ट्री फॉर्म और पोल्ट्री प्रोडक्ट के बाजारों की बारीकी से निगरानी करें. अधिकारियों को खेतों, जलाशयों और प्रवासी पक्षियों का निरीक्षण करने के लिए भी कहा गया है. कसरावद के जंगलेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से कौवे पेड़ों पर से गिर रहे हैं.
केरल
अलप्पुझा और कोट्टायम के जिला प्रशासन ने दोनों जिलों में बर्ड फ्लू का पता चलने के बाद मुर्गियों और पक्षियों को मारना शुरू कर दिया है. जहां संक्रमण का पता चला है, उन क्षेत्रों में प्रशासन ने पोल्ट्री मांस और इससे जुड़े दूसरे प्रोडक्ट्स की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. क्षेत्र में और संक्रमण न फैले, इसके लिए 30,000 से ज्यादा पक्षियों को मारने का फैसला किया गया है. इनमें से ज्यादातर पोल्ट्री फॉर्म के पक्षी हैं. इन्हें मारने, जलाने और दफनाने के लिए 10 सदस्यीय एक टीम तैनात की गई है. जिन क्षेत्रों में वायरस मिले हैं, वहां एक किलोमीटर के दायरे में घरेलू और पालतू पक्षियों को भी इसी तरह से मारा जाएगा.
अलप्पुझा जिला कलेक्टर के अनुसार, कुट्टनाड और कार्तिकपल्ली के इलाकों में पोल्ट्री मांस, अंडे और अन्य खाद्य वस्तुओं के उपयोग, बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. कलेक्टर ए अलेक्जेंडर ने कहा, “पिछले हफ्ते इस क्षेत्र के कुछ खेतों में बतखों के मरने की खबरें आई थीं. भोपाल में किए गए परीक्षणों के बाद पता चला कि ये बतख H5N8 वायरस से संक्रमित थे. हमने एक 18 सदस्यीय क्विक रिस्पांस टीम को तैनात किया है जिससे प्रभावित क्षेत्रों में पक्षियों को मारा जा सके.”
गुजरात
गुजरात के जूनागढ़ में 53 पक्षियों के शव मिलने के बाद जिले के वन और वन्यजीव अधिकारी अलर्ट पर हैं. अधिकारियों को संदेह है कि पक्षियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू हो सकता है. जूनागढ़ जिले में मनावर तहसील के बटवा इलाके में 53 मृत पक्षी पाए गए हैं. वन अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और मरे हुए पक्षियों के अवशेष को जांच के लिए भेज दिया है.
मौके पर मौजूद पशु चिकित्सक एनजे फालडू ने कहा, “हम 53 पक्षियों की अचानक मौत की जांच कर रहे हैं. यह सर्दी या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है. हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.” हर साल सर्दियों के दौरान हजारों प्रवासी पक्षी गुजरात आते हैं. अधिकारियों का कहना है कि बर्ड फ्लू के फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
हरियाणा
हरियाणा के रायपुर रानी में 5 दिसंबर से अब तक सैकड़ों मुर्गियों की मौत हुई है. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक पक्षियों में एवियन फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं. हालांकि, जालंधर की लैब में सैंपल भेजे गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार है.
पोल्ट्री फार्मों में कितनी मुर्गियां मरी हैं, इसकी सही संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है. प्रशासन ने मंगलवार को पशुपालन अधिकारियों से इस पर रिपोर्ट मांगी है. हरियाणा पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ सुखदेव राठी ने कहा कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में एवियन फ्लू के प्रकोप के बाद राज्य में एडवाइजरी जारी की गई है. उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर हरियाणा के विभिन्न खेतों से एकत्र किए गए लगभग 20 सैंपल जालंधर भेजे गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश/पंजाब
हिमाचल प्रदेश के मशहूर पोंग डैम अभयारण्य और इसके आसपास के इलाकों में पक्षियों की मौतें हुई थीं. जालंधर, पालमपुर और भोपाल की लैब ने इनके सैंपल में H5N1 वायरस की पुष्टि की है. एवियन फ्लू से अब तक 1,900 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है. कांगड़ा जिला प्रशासन ने अब पोंग डैम अभयारण्य के एक किलोमीटर के भीतर पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. अभयारण्य के नौ किलोमीटर के दायरे में सभी पर्यटन गतिविधियों को रोकने के अलावा इस क्षेत्र में निगरानी की जा रही है.
हिमाचल में प्रवासी पक्षियों में फैले एवियन फ्लू को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने हरि-के-पट्टन (तरनतारन), केशोपुर (गुरदासपुर), नंगल, रूप नगर और अन्य क्षेत्रों में भी सतर्कता बढ़ा दी है. वन्यजीव अधिकारियों ने कहा कि मृत पाए गए पक्षियों में से 95 प्रतिशत से ज्यादा प्रवासी पक्षी हैं जो साइबेरिया और मंगोलिया से आते हैं. एक अनुमान के अनुसार, हर साल सर्दियों में 1.15 से लेकर 1.20 लाख तक पक्षी पोंग डैम अभयारण्य में आते हैं और चार महीने तक रहते हैं.
राजस्थान
राज्य के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा है. खतरे की घंटी 27 दिसंबर को सुनाई दी जब राजस्थान के झालावाड़ जिले में 100 पक्षी मृत पाए गए. राजस्थान के पशुपालन विभाग में मंत्री लालचंद कटारिया के नेतृत्व में बर्ड फ्लू को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई. शुरुआती जानकारी के अनुसार, बर्ड फ्लू के तेजी से फैलने के पीछे H5N1 वायरस को जिम्मेदार ठहराया गया है.
अब तक उपलब्ध विवरण के अनुसार, झालावाड़ में 100 कौवे मरे हुए पाए गए. इसके अलावा, 72 कौवे बारां में और 47 कोटा में मरे पाए गए हैं. सांभर झील और घाना पक्षी अभयारण्य सहित जयपुर और भरतपुर के कुछ हिस्सों को विशेष रूप से संवेदनशील माना जाता है क्योंकि हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते हैं.
राज्य सरकार की मशीनरी इस समय अलर्ट पर है. झालावाड़ जिले से एकत्र किए गए सैंपल को परीक्षण के लिए भोपाल भेजा गया है. राज्य के भीतर परीक्षण के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है, जिससे बर्ड फ्लू के खतरे को नियंत्रित करने का सरकार का प्रयास बाधित हुआ है. विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों और वन क्षेत्रों को सावधानी बरतने को कहा गया है.
बाकी देश में क्या हैं हालात
1. उत्तर प्रदेश: बर्ड फ्लू के खौफ के बीच राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग को पूरी तरह से सतर्क रहने का निर्देश दिया है.
2. झारखंड: कोविड-19 के बीच बर्ड फ्लू के फैलने की आशंका के राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है. झारखंड सरकार ने सभी जिलों को एडवाइजरी जारी की है कि पक्षियों की अप्राकृतिक मौतों के बारे में पशुपालन विभाग को सूचित करें. उन्हें ऐसे पक्षियों के नमूने प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए भी कहा गया है.
3. तमिलनाडु: राज्य के स्वास्थ्य सचिव राधाकृष्णन ने कहा है कि केरल से तमिलनाडु में बर्ड फ्लू न फैले, इसके लिए कार्रवाई की गई है. कन्याकुमारी में विशेष चेक-पोस्ट लगाकर मुर्गियों को ले जाने वाले वाहनों की जांच की जा रही है और उन्हें सैनिटाइज किया जा रहा है.
4. कर्नाटक: राज्य ने सरकारी मशीनरी को अलर्ट पर रखा है लेकिन अभी तक संक्रमण का कहीं कोई केस सामने नहीं आया है