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नईदिल्ली(ए)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उनके सेवानिवृति के करीब दो महीने बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। ये नियुक्ति अगले आदेश तक रहेगी। इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है। आदेश के अनुसार यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति प्रधानमंत्री के साथ उनके कार्यकाल जितनी रहेगी। वहीं, ये नियुक्ति उस समय तक प्रभावी रहेगी जब तक कोई नया आदेश ना आ जाए।
उनके चयन को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दे दी। कार्मिक प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की अधिसूचना के मुताबिक दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, समाप्त होगी। बता दें कि शक्तिकांत दास का बतौर आरबीआई गवर्नर कार्यकाल पिछले साल ही समाप्त हुआ था। 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था और पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे। शक्तिकांत दास ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में मास्टर डिग्री ली थी। वहीं, बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्टग्रेजुएट हुए हैं।
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शक्तिकांत दास के पास चार दशकों में शासन के अलग-अलग क्षेत्रों का व्यापक अनुभव है। उन्होंने फाइनेंस, टैक्सेशन, इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। कोविड महामारी के दौरान आरबीआई गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास ने भारत की वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए थे। उन्होंने ग्लोबली चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया। इसके साथ ही थिंक टैंक, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम का कार्यकाल भी 24 फरवरी, 2025 से एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। बता दें कि बीवीआर सुब्रमण्यम को फरवरी 2023 में दो साल के लिए नीति आयोग का सीईओ नियुक्त किया गया था।