नईदिल्ली(ए)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इस कदम से केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। आयोग के चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी।” गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं। इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। मंत्री ने कहा कि 2025 में नये वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू होने से यह सुनिश्चित होगा कि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल पूरा होने से पहले इसकी सिफारिशें प्राप्त हो जाएं और उसकी समीक्षा की जा सके। वेतन आयोग सरकार को सिफारिशें देने से पहले केंद्र और राज्य सरकारों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ व्यापक परामर्श करता है। सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन संरचना, लाभ और भत्ते तय करने में वेतन आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य सरकारों के स्वामित्व में आने वाली ज्यादातर इकाइयां आयोग की सिफारिशों को लागू करती हैं। सूत्रों ने बताया कि इस कदम से रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों सहित केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मियों को लाभ होगा। साथ ही लगभग 65 लाख पेंशनधारकों की पेंशन में भी बढ़ोतरी होगी। इससे अकेले दिल्ली में लगभग चार लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। इनमें रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारी शामिल हैं। दिल्ली में पांच फरवरी, 2025 को विधानसभा चुनाव होने हैं। सूत्रों ने कहा कि आमतौर पर, दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के वेतन में केंद्रीय वेतन आयोग के साथ वृद्धि होती है। इससे सरकारी कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ उपभोग और आर्थिक वृद्धि को महत्वपूर्ण गति मिलेगी।
सातवें वेतन आयोग के तहत वित्त वर्ष 2016-17 में खर्च में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। आमतौर पर, हर 10 साल में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन को संशोधित करने के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। 1947 के बाद से सात वेतन आयोग का गठन किया गया है। वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई की भरपाई के उद्देश्य से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में संशोधन के फार्मूले की भी सिफारिश करता है। राज्य सरकारें भी केंद्रीय वेतन आयोग की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करती हैं।